भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 58वीं बैठक आयोजित
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कटक की 58वीं बैठक दिनांक छह जनवरी 2025 को राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में आयोजित की गई। राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक के निदेशक एवं नराकास, कटक के अध्यक्ष डॉ. अमरेश कुमार नायक ने इस बैठक की अध्यक्षता की। श्री राजेंद्र कुमार बेहेरा, उप महाप्रबंधक बीएसएनएल कार्यालय, कटक इस बैठक के विशिष्ट अतिथि थे। इस बैठक में नराकास कटक के अंतर्गत कटक में अवस्थित केंद्र सरकार के 32 सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अपने अध्यक्षीय भाषण में सभा को संबोधित करते हुए डॉ. नायक ने सभी सदस्य कार्यालयों की एकजुटता तथा पारस्परिक संवाद पर सर्वाधिक बल दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी सदस्य आपस में मिलजुलकर राजभाषा हिंदी का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इस संदर्भ में डॉ. नायक ने राजभाषा संबंधी कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं तथा संगोष्ठियों के आयोजन हेतु एनआरआरआई के भरपूर सहयोग की बात कही।
डॉ. नायक ने नराकास की 58वीं बैठक की कार्यसूची के प्रमुख बिंदुओं पर सभा का ध्यान आकर्षित किया तथा प्रतिनिधियों को राजभाषा नीति के अनुपालन पर बल दिया। उन्होंने कहा नराकास का क्षितिज बहुत व्यापक है जहां भारत के संविधान के अनुच्छेदों 343 तथा 351 में उल्लिखित हिंदी के प्रगामी प्रयोग तथा हिंदी के संवर्धन और विकास की प्रतिबद्धताएँ एकमेक हो जाती हैं और इस प्रकार हिंदी के प्रति दायित्व निर्वहन का एक संगठित और बहुआयामी अवसर प्राप्त होता है। एनआरआरआई के प्रशासनिक अधिकारी श्री धनेष कृष्णा आर ने सभाकक्ष में पधारे अतिथिगण एवं प्रतिनिधियों का स्वागत किया। नराकास के सदस्य सचिव श्री बिभु कल्याण महांती ने 57वें नराकास बैठक के कार्यवृत्त के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक में विभिन्न सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों द्वारा उनके कार्यालय में सामना किए जा रहे राजभाषा संबंधी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।
विशिष्ट अतिथि श्री राजेंद्र कुमार बेहेरा ने राजभाषा विभाग द्वारा 2025 के लिए जारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सदस्य कार्यालयों के प्रमुखों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ की राजभाषा नीति के सुचारू कार्यान्वयन में नराकास की अहम भूमिका होती है। अंत में सभी का धन्यवाद का ज्ञापन करते हुए सदस्य सचिव ने सभी सदस्य कार्यालयों एकजुट होकर हिंदी के प्रगामी प्रयोग को सुनिश्चित करने का आह्वान किया।