हिंदी पखवाड़ा-2021 आयोजित

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हिंदी पखवाड़ा-2021 आयोजित

राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 14 सितंबर 2021 को र्वचुअल मोड पर हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया एवं हिंदी पखवाड़ा-2021 का उद्‌घाटन हुआ। इस र्वचुअल समारोह में संस्थान के विभिन्न प्रभागों एवं अनुभागों के अध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं तकनीकी तथा प्रशासनिक कर्मचारी उपस्थित थे। संस्थान के निदेशक महोदय डॉ.दीपंकर माईती ने हिंदी दिवस समारोह की अध्यक्षता की एवं इस अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दी। हिंदी दिवस समारोह में निदेशक महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है जो देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। हिंदी इस समय संपूर्ण विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली भाषा है। वह वैश्विक प्रतिस्पर्धा के वर्तमान दौर में हर जगह अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रही है। इस समय भारत सरकार और भारतीय उद्योग जगत द्वारा हिंदी को पहचान बनाकर अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आज मीडिया, सोशल साइट्स, इंटरनेट और मनोरंजन के क्षेत्र में हिंदी वर्चस्वकारी भूमिका में है। अब विकसित देश भी हिंदी के प्रति रुझान महसूस कर रहे हैं। इस कारण संयुक्त अरब अमिरात ने हिंदी को अपनी तीसरी राजभाषा बनाया है। हमारे प्रधानमंत्री ने उसे व्हाइट हाउस से संयुक्त राष्ट्र के मंच तक पहुंचा दिया है। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था उसके लिए वरदान सिद्ध हो रही है। अत: वर्तमान सदी हिंद और हिंदी की होने जा रही है। उन्होंने संस्थान के स्टाफ सदस्यों से आग्रह किया कि वे हिंदी को दिल से अपनाएं एवं अधिक से अधिक सरकारी कार्य हिंदी में करें। डॉ.ए.के.नायक, प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन प्रभाग एवं उपाध्यक्ष, हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति एवं संस्थान के कार्यालय अध्यक्ष ने हिंदी भाषा के महत्व, हिंदी दिवस का इतिहास और वर्तमान सूचना क्रांति की दौर में देश एवं विदेशों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता के संदर्भ में अपने-अपने विचार सभा में प्रस्तुत किए। संस्थान में 14 से 30 सितंबर 2021 के दौरान हिंदी पखवाड़ा मनाया गया। इस अवधि में संस्थान के हिंदी भाषी तथा हिंदीतर भाषी वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए अलग-अलग हिंदी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष एवं फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. अमरेश कुमार नायक के नेतृत्व में आठ वैज्ञानिकों को लेकर हिंदी प्रतियोगिता निर्णायक मंडल गठित किया गया। सबसे पहले दिनांक 16 सितंबर को हिंदी एवं हिंदीतर भाषी कर्मचारियों के लिए शुद्ध एवं शीघ्र हिंदी लेखन प्रतियोगिता आयोजित किया गया जिसमें कुल तेइस कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ. रामलखन वर्मा, वैज्ञानिक और डॉ. अवधेश कुमार, वैज्ञानिक इस प्रतियोगिता के निर्णायक थे। दिनांक 17 सितंबर को हिंदीतर भाषी कर्मचारियों के लिए हिंदी पाठ पठन प्रतियोगिता आयोजित किया गया जिसमें कुल तेरह कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ. मोहम्मद शाहिद, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं डॉ. उपेन्द्र कुमार, वैज्ञानिक इस प्रतियोगिता के निर्णायक थे। दिनांक 18 सितंबर को हिंदी एवं हिंदीतर भाषी कर्मचारियों के लिए हिंदी लिप्यंतरण लेखन प्रतियोगिता आयोजित किया गया जिसमें कुल सत्रह कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ. एनी पूनम, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. सुतपा सरकार, वैज्ञानिक इस प्रतियोगिता के निर्णायक थे। दिनांक 20 सितंबर को सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिए सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित किया गया जिसमें कुल इक्कीस कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ. राहुल त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं डॉ. कौशिक चक्रवर्ती, वैज्ञानिक इस प्रतियोगिता के निर्णायक थे।

हिंदी पखवाड़ा-2021 का समापन समारोह वर्चूअल मोड पर दिनांक 7 अक्टूबर 2021 को संपन्न हुआ। संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ.दीपंकर माईती ने हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह की अध्यक्षता की। इस समापन समारोह संस्थान के विभिन्न प्रभागों एवं अनुभागों के अध्यक्षों, तकनीकी एवं प्रशासनिक कर्मचारियों ने वर्चूअल मोड पर भाग लिया।

संस्थान के निदेशक महोदय ने पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र के साथ सम्मानित किया। हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष एवं फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. अमरेश कुमार नायक ने सभा के सामने हिंदी पखवाड़ा-2021 के समस्त आयोजन के संबंध में एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में निदेशक महोदय ने हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बधाई दी एवं हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष तथा सदस्यों को पखवाड़े के सुचारु ढंग से संचालन के लिए धन्यवाद दिया। अपने संबोधन में निदेशक महोदय ने कहा कि हिंदी हमारे देश में अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक बोली और समझी जाती है। विगत वर्षों में संस्थान में हिंदी कार्य की प्रगति में पहले की अपेक्षा बहुत सुधार हुआ है। लेकिन भारत सरकार की राजभाषा विभाग के नियम एवं नीति के कार्यान्वयन हेतु मानसिकता में परिवर्तन, सठीक योजना एवं मार्गदर्शन से राजभाषा विभाग की नीतियों का सफल अनुपालन हो पाएगा। राजभाषा कार्य में अधिक से कर्मचारी भाग लेने और संस्थान को þअपनी महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए उन्होंने सभी स्टाफ से निवेदन किया।

Author: crriadmin