नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 57वां बैठक आयोजित

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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 57वां बैठक आयोजित

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), कटक की 57वां बैठक राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में दिनांक 30.11.2023 को आयोजित हुई। एनआरआरआई, कटक के निदेशक और नराकास, कटक के अध्यक्ष डॉ ए के नायक ने बैठक की अध्यक्षता की। श्री कैलाश चंद्र महाराणा, सहायक महाप्रबंधक, बीएसएनएल, कटक और हिंदी शिक्षण योजना, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, कटक केंद्र के सर्वकार्यभारी अधिकारी इस बैठक के सम्मानित अतिथि थे। वर्तमान में, कटक शहर में स्थित 86 केंद्र सरकार के कार्यालय नराकास, कटक के तहत सदस्य कार्यालयों के रूप में पंजीकृत हैं। इस बैठक में विभिन्न सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए, डॉ ए के नायक ने अपने संबोधन में सदस्य कार्यालयों के बीच एकता और परस्पर विचार-विनिमय आदान-प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी को केवल सम्पर्क भाषा के रूप में देखना भूल होगी। हिन्दी, आधुनिक भारतीय भाषाओं के उद्भव काल से देश के निवासियों के सामाजिक सम्प्रेषण तथा साहित्यिक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति की भाषा रही है और अब भी है। वास्तव में भाषा सम्पर्क की स्थिति ही किसी सम्पर्क भाषा के उद्भव और विकास को प्रेरित करती है या एक सुप्रतिष्ठित भाषा के सम्पर्क प्रकार्य को संपुष्ट करती है। हिन्दी के साथ दोनों स्थितियों का सम्बन्ध है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर राजभाषा के बेहतर क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इस संदर्भ में, डॉ नायक ने सभी आगामी कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए एनआरआरआई के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। निदेशक महोदय ने बैठक में उपस्थित अतिथियों और सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और नराकास बैठक के आयोजन के महत्व और अनिवार्यता पर चर्चा की। निदेशक महोदय ने नराकास की 56वीं बैठक के कार्यवृत्त के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की और 57वां नराकास बैठक की कार्यसूची प्रस्तुत किया और राजभाषा नीति के अनुपालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नराकास का दायरा बहुत व्यापक है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के प्रति विकास की प्रतिबद्धताएँ परस्पर अनन्य हैं और इस प्रकार, हिंदी के प्रति उत्तरदायित्वों के निष्पादन के लिए एक संगठित और बहुआयामी अवसर है। उन्होंने कहा कि संघ की राजभाषा नीति के सुचारू क्रियान्वयन में नराकास की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने विभिन्न सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
विशिष्ट अतिथि श्री कैलाश चंद्र महाराणा ने वर्ष के दौरान हिंदी शिक्षण योजना में कर्मियों के प्रशिक्षण के संबंध में हुई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से एकजुट होकर हिंदी के प्रगामी प्रयोग को सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। श्री वी. गणेश कुमार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एनआरआरआई ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा श्री बी.के. महांती, सदस्य सचिव ने बैठक की सभी गतिविधियों का समन्वय किया।

Author: crriadmin