भेड़ और बकरी पालन में हुए वैज्ञानिक विकासों पर प्राणिमित्रों के लिए प्रशिक्षण
कृषि विज्ञान केंद्र, कटक ने 26-30 अगस्त, 2018 के दौरान अपने संथपुर परिसर में तृणमूल स्तर के विस्तार कार्यकर्ताओं जिन्हें ‘प्राणिमित्र” नाम से जाना जाता है, के लिए पांच दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पच्चीस प्राणिमित्रों तथा कटक जिले के बडम्बा और नरसिंहपुर प्रखंड के ओडिशा जीविका मिशन के एक अधिकारी ने भाग लिया। लगभग 80% प्रशिक्षुओं को उनकी नियुक्ति के बाद कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। डॉ. रंजन कुमार महांता, विषयवस्तु विशेषज्ञ (पशुविज्ञान) और प्रशिक्षण समन्वयक ने भेड़ और बकरी के पालन पर सिद्धांत एवं व्यावहारिक कक्षाएं ली साथ ही इस क्षेत्र में प्रशिक्षुओं द्वारा सामना किए गए बाधाओं से संबंधित प्रश्नों का जवाब दिया। पोषण, प्रजनन, टीकाकरण और प्रबंधन जुगाली करने वाले छोटे पशुओं के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, प्रशिक्षुओं को विशेष रूप से तापमान लेने और टीकाओं के प्रयोग के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया था। बुनियादी बातों को जानने हेतु प्रशिक्षुओं ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं, पोषण संबंधी खुराक, द्रव चिकित्सा के बारे में ज्ञान लिया। ओयूएटी, भुवनेश्वर के दूरस्थ शिक्षा प्रकोष्ठ के सहयोग से प्रशिक्षुओं को मौलिक ज्ञान देने के लिए ‘पशु पालन’ और ‘मुर्गी पालन’ पर दूरस्थ शिक्षा की सुविधा प्रदान की गई। प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप प्रतिभागियों में ज्ञान के आधार में 49.3% सुधार हुआ। मुख्य अतिथि और पशु पोषण पर विशेषज्ञ डॉ अंतरयामी खुंटिया ने उन्हें इस क्षेत्र में प्राणिमित्रों द्वारा सामना किया जाने वाले व्यावहारिक समस्याओं के बारे और उन्हें हल करने के लिए में जानकारी दी। डॉ दिलीप रंजन सडंगी, प्रभारी अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, कटक ने समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन देने के साथ विशेषज्ञों डॉ. आर.के महांता, डॉ टी आर साहू, और श्री डी जेना सहित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।