वैज्ञानिक तरीके से खाद्य और चारा प्रबंधन पर प्राणिमित्रों के लिए प्रशिक्षण
कृषि विज्ञान केंद्र, कटक ने 16-20 नवंबर, 2019 के दौरान अपने संथपुर परिसर में तृणमूल स्तर के विस्तार कार्यकर्ताओं अर्थात ‘प्राणिमित्रों” के लिए पांच दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कटक जिले के बडम्बा और नरसिंहपुर प्रखंड के छब्बीस प्राणिमित्रों ने भाग लिया। लगभग 75% प्रशिक्षु पिछले 1-2 वर्षों से तृणमूल स्तर पर इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। चूंकि पोषण पशुपालन के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, इस कार्यक्रम में पशुओं के भोजन की मूलभूत जानकारी, उन्हें खिलाने की तैयारी तथा आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले पोषक तत्वों की खुराक और इंजेक्शन के बारे में प्रशिक्षुओं को ज्ञान दिलाने के लिए आयोजित किया गया था। डॉ. रंजन कुमार महांता, विषयवस्तु विशेषज्ञ (पशुविज्ञान) और प्रशिक्षण समन्वयक ने खाद्य और चारा प्रबंधन पर सिद्धांत एवं व्यावहारिक कक्षाएं ली साथ ही इस क्षेत्र में प्रशिक्षुओं द्वारा सामना किए गए बाधाओं से संबंधित प्रश्नों का जवाब दिया। पोषण, प्रजनन, टीकाकरण और प्रबंधन जुगाली करने वाले छोटे पशुओं के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, प्रशिक्षुओं को विशेष रूप से तापमान लेने और टीकाओं के प्रयोग के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया था। बुनियादी बातों को जानने हेतु प्रशिक्षुओं ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं, पोषण संबंधी खुराक, द्रव चिकित्सा के बारे में ज्ञान लिया। प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप प्रतिभागियों में ज्ञान के आधार में 32.1% सुधार हुआ। डॉ दिलीप रंजन सडंगी, प्रभारी अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, कटक और मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों को ग्रामीण समुदाय के उत्थान के लिए खुद को समर्पित करने की सलाह दी और प्रतिभागियों के साथ-साथ अन्य अतिथियों और कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों डॉ. आर.के महांता, डॉ टी आर साहू, और श्री डी जेना के साथ प्रमाण पत्र वितरित किए। कृषि विज्ञान केंद्र के कटक के सभी कर्मचारियों के सक्रिय सहयोग से कार्यक्रम सफल हुआ।
प्रशिक्षण प्रक्रिया में प्रशिक्षुओं की सक्रिय भागीदारी | प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र का वितरण |
प्रशिक्षण के दौरान मिश्रण तैयार करने की विधि | मुर्गी और जुगाली करने वालों पशुओं की पाचन क्रिया के बारे में सीखना |