जनजातीय उपयोजना के तहत पशु स्वास्थ्य शिविर
भाकृअनुप-एनआरआरआई कटक की जनजातीय उपयोजना परियोजना के तहत जाजपुर प्रखंड के रामठेंगा गांव में 27 जून 2018 को एक पशु स्वास्थ्य शिविर-सह-जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कीटों के नियंत्रण के लिए लगभग सौ पशुशालाओं को चूने और ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग करके साफ और कीटाणुरहित किया गया। डॉ आर के महांता और डॉ ए के दास द्वारा पीड़ित जानवरों की जांच की गई तथा उपचार के साथ-साथ कुछ और मामलों के उपचार के सुझाव भी दिए गए। 150 से अधिक पशुओं की जांच के बाद, एफएमडी, टिक्स का प्रकोप और आंतरिक परजीवी, बांरबर प्रजनन और बांझपन जैसे आम समस्याएं पाई गईं। अधिकांश पशुशालाओं में पक्की छत नहीं थे, जो कि नकारात्मक स्वास्थ्य स्थिति और जानवरों की उत्पादकता स्थिति के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक था।
जनजातीय उपयोजना के तहत बंधसाही और पीताबारी में पशु स्वास्थ्य शिविर और प्रशिक्षण कार्यक्रम
भाकृअनुप-एनआरआरआई कटक की जनजातीय उपयोजना परियोजना के तहत कंधमाल जिले के बंधसाही गाँव में 5 अक्टूबर 2018 को एक पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। डॉ आर के महांता, स्थानीय पशु निरीक्षक सुश्री गायत्री दलबहेरा और श्री नृसिंहनाथ दास द्वारा पीड़ित जानवरों की जांच की गई तथा उपचार के साथ-साथ कुछ और मामलों के उपचार के सुझाव भी दिए गए। 250 से अधिक पशुओं की जांच के बाद, एफएमडी, टिक्स का प्रकोप और आंतरिक परजीवी, बांरबर प्रजनन, दस्त और बांझपन जैसे आम समस्याएं पाई गईं। अधिकांश पशुशालाओं में पक्की छत नहीं थे, जो कि नकारात्मक स्वास्थ्य स्थिति और जानवरों की उत्पादकता स्थिति के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक था। पशुओं को उनकी शरीर की पोषक स्थिति और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए खनिज-विटामिन के मिश्रण के साथ पूरक दिया गया और नियमित रूप से डीवर्मिंग एवं टीकाकरण करने की सलाह दी गई।
कंधमाल जिले के पीताबारी गांव में 21 दिसंबर, 2018 को एक पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। पशुओं की जांच डॉ आर के महांता और पशुधन निरीक्षक, डॉ संग्राम केशरी साहू एवं श्री नृसिंहनाथ दास द्वारा की गई और उपचार के सुझाव भी दिए गए। 145 से अधिक पशुओं की जांच के बाद, टिक्स और आंतरिक परजीवी, दस्त, खराब स्वास्थ्य और स्तनपान कराने वाली बकरियों में कम दूध की पैदावार जैसे सबसे आम समस्याएं पाई गईं। किसानों को अपने पशुओं की नियमित रूप से डीवर्मिंग एवं टीकाकरण करने के साथ उनकी शरीर की पोषक स्थिति और समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए खनिज-विटामिन मिश्रण पूरक खिलाने के लिए सलाह दी गई।
पशु स्वास्थ्य शिविर के पूरा होने के बाद, “आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए छोटे पैमाने पर खेती” पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें एक सौ किसानों, महिला किसानों और ग्रामीण युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ आर के महांता ने वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने की तकनीकों के बारे में और साथ ही पशुओं के उत्पादन और प्रजनन स्थिति को बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों की भूमिका के बारे में तथा किस तरह पशुपालन से हमारी पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होती है, के बारे में चर्चा की। डॉ एस के साहू ने ओडिशा सरकार द्वारा उपलब्ध योजनाओं और सुविधाओं के बारे में चर्चा की।
पशु स्वास्थ्य शिविर-सह-रोग जागरूकता कार्यक्रम
कृषि विज्ञान केंद्र कटक द्वारा टांगी-चौद्वार प्रखंड के कंकाली गाँव में 21 जनवरी 2019 को एक पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। डॉ आर के महांता, विषयवस्तु विशेषज्ञ, पशुविज्ञान ने पशुओं की जांच की और उपचार के साथ कुछ मामलों में उपचार के उपाय सुझाए। 282 से अधिक पशुओं की जांच में, टिक्स और आंतरिक परजीवी, दस्त, खराब स्वास्थ्य तथा बार-बार प्रजनन एवं बांझपन सबसे आम समस्याएं पाई गईं। अधिकांश पशुशालाओं में पक्की छत नहीं थे, जो कि नकारात्मक स्वास्थ्य स्थिति और जानवरों की उत्पादकता स्थिति के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक था। पशुओं को उनकी शरीर की पोषक स्थिति और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए खनिज-विटामिन के मिश्रण के साथ पूरक दिया गया और नियमित रूप से डीवर्मिंग एवं टीकाकरण करने की सलाह दी गई। स्थानीय पंचायती राज के सदस्यों और कृषक परिवारों ने अपने पशुओं की स्वास्थ्य और उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की।