कृषि समुदाय के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कटक का प्रशासनिक भवन समर्पित
कृषि विज्ञान केंद्र कटक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक के अधीन एक इकाई है, जो किसान, महिला किसान, ग्रामीण युवाओं और तृणमूल स्तर के विस्तार अधिकारियों के लिए प्रक्षेत्र परीक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के माध्यम से कृषक समुदाय की सेवा कर रही है। कृषि विज्ञान केंद्र को मजबूत करने के लिए एक प्रशासनिक भवन बनाया गया है। इस प्रशासनिक भवन का उद्घाटन डॉ त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर) ने 02 दिसंबर 2018 को डॉ ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) और डॉ एस एस सिंह, निदेशक, एटीएआरआई, अंचल-5, डॉ एच पाठक, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक की उपस्थिति में किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्ति भाकृअनुप के संस्थानों के निदेशका/अध्यक्ष, जिला कृषि विभागों के अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र कटक के रिंग पार्टनर, एनआरआरआई, कटक के प्रभागाध्यक्षों तथा अन्य अधिकारी, अभियंता श्री प्रमोद कुमार शर्मा और श्री कांजी लाल, कार्यकारी अभियंता, सीपीडब्ल्यूडी, अन्य सीपीडब्ल्यूडी अधिकारी एवं 120 प्रगतिशील किसान उपस्थित थे। डॉ ए.के. सिंह, उप महानिदेशक, कृषि विस्तार ने प्रौद्योगिकी पहलुओं के अतिरिक्त प्रसंस्करण और विपणन के महत्व पर जोर दिया। माननीय सचिव, डेयर डॉ त्रिलोचन महापात्र ने किसानों से अपील की कि वे उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए आगे आएं और 2020 तक किसान की दुगुनी आय के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक प्रथाओं को अपनाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान-वैज्ञानिक- विस्तार कार्मिको-अधिकारियों को एक साथ हाथ मिलाकर काम करने की आवश्यकता हे जिससे यह लक्ष्य प्राप्त होगी।
इस अवसर पर, एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जहाँ कृषि, बागवानी, पशु चिकित्सा विज्ञान, एटीएमए के प्रमुखों और स्थानीय भाकृअनुप संस्थानों के प्रतिनिधियों ने किसानों के लाभ के लिए दी जा रही विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यक्रमों के बारे में उन्हें जागरूक किया। उन्होंने किसानों के साथ विचार-विनिमय कर उनकी समस्याओं का समाधान भी किया। इस अवसर पर, मुख्य अतिथि ने भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक की पहली धान किस्म ‘पद्म का एकोलेड’ जारी किया तथा और ‘पशुओं में परजीवी संक्रमण एवं उनका प्रबंधन’ शीर्षक एक तकनीकी बुलेटिन का विमोचन किया। इस अवसर पर कटक जिले के दस प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया। डॉ डी आर सडंगी और उनकी टीम ने समारोह का समन्वय किया।