जनजातीय उपयोजना

एनआरआरआई और उसके क्षेत्रीय केंद्रों पर जनजातीय उप कार्यक्रम (टीएसपी)

तीन जिलों जैसे ओडिशा में जाजपुर, झाड़खंड में हजारीबाग और असम में बक्सा की पहचान चावल की किस्मों और प्रौद्योगिकियों और अन्य विकासात्मक कार्यकलापों पर प्रदर्शन करने के लिए की गई। जनजातीय उप कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए योजना आयोग के सलाहकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या M-11012/03/2013-SJ&SW दिनांक 18 जून 2014 के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार क्षेत्र के ‘अनुसूचित जनजाति के समावेशी विकास और कल्याण’ के व्यापक उद्देश्य के आधार पर स्थानों की पहचान की गई तथा ओडिशा सरकार के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा क्लस्टर, ब्लॉक की सूची/ एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी/संशोधित क्षेत्र विकास एजेंसी टीएसपी के स्थानों को चिह्नित किया गया है जिसका वर्णन तालिका 1 में दिया गया है।

तालिका 1. 2017-18 के दौरान विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए टीएसपी स्थान

क्रम संख्या राज्य जिला उपजिला/प्रखंड गांव लाभान्वित जनजातीय संख्या द्वारा कार्यक्रम का कार्यान्वयन
1 ओडिशा जाजपुर कलिंगनगर रामठेंगा एवं सालिजंग 200 किसान परिवार भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक
2 झाड़खंड हजारीबाग चुरचू दासोखाप एवं लुथारवा 100 किसान परिवार एनआरआरआई- केंद्रीय वर्षाश्रित उपराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, हजारीबाग
3 असम असम मुशालपुर हरहरिया एवं टुपालिया 200 किसान परिवार एनआरआरआई- क्षेत्रीय वर्षाश्रित तराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, गेरुआ

टीएसपी कार्यक्रम के तहत की जाने वाली कार्यकलापें

संस्थान का टीएसपी कार्यक्रम विभिन्न गाँवों में चल रहा है, जहाँ संस्थान और उसके क्षेत्रीय स्टेशनों पर विभिन्न चावल किस्मों और तकनीकों का विकास-‘किसानों के खेतों में भागीदारी परीक्षण ’के माध्यम से अनुसूचित जनजातीय किसानों की सक्रिय भागीदारी के साथ किया जाता है। फसल के मौसम के दौरान हितधारकों के क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए, फसल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर कई प्रशिक्षण कार्यक्रम, संस्थान का दौरा, किसान गोष्ठी आदि समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। कृषि उत्पादन और पशुधन पालन के साथ समस्याओं और मुद्दों को समझने और कृषि फसलों और पशुधन की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियां प्रदान करने के लिए किसानों-वैज्ञानिकों की विचार-विनिमय और प्रतिपुष्टि कार्यक्रम भी गांवों में आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, 2017 के दौरान एक “फार्म इनपुट्स यूजर्स एसोसिएशन” का गठन किया गया था और टीएसपी के तहत तीस से अधिक कृषि उपकरणों जैसे बीज उपचार ड्रम (04), हस्तचालित मार्कर (03), मंडवा वीडर (20), पेडलचालित धान थ्रेशर (01) और मिनी राइस परबोइलिंग यूनिट (06) फार्म इनपुट्स यूजर्स एसोसिएशन संघ के सदस्यों के प्रदर्शन और उनके द्वारा उपयोग के लिए खरीदी गई। 2017-18 के दौरान किए गए कार्यकलापों का विवरण नीचे दिया गया है:

क. भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक
कार्यकलाप लक्ष्य
i. सीआर धान 601, सीआर धान 203, तथा सीआर धान 304 चावल किस्मों पर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन 60 किसान परिवार
ii. ‘यंत्रीकृत फसल स्थापना’ पर प्रदर्शन'(शुष्क एवं आर्द्र सीधी बुआई धान एवं टीपीआर) 10 किसान परिवार
iii. ‘विभिन्न्ान फसल स्थापना के तहत समन्वित खरपतवार प्रबंधन’ पर प्रदर्शन 10 किसान परिवार
iv. ‘समन्वित नाशकजीव प्रबंधन’ पर प्रदर्शन 10 किसान परिवार
v. ‘समन्वित रोग प्रबंधन’ पर प्रदर्शन 10 किसान परिवार
vi. प्रक्षेत्र मशीनीकरण के लिए उपकरणों का उपयोग जैसे सीड ट्रीटिंग ड्रम, फिंगर वीडर, मंडवा वीडर, हस्तचालित मार्कर, पैडल धान थ्रेशर, मिनी राइस पार्किलिंग यूनिट आदि। 100 किसान परिवार
vii. पश्चप्रांगण मुर्गीपालन के चूजों पर प्रदर्शन (वनराज) – 400 चूजें 40 किसान परिवार
viii. ऊतक एवंर्धन केला (बंतल)- 50, सुजान (पीकेएम-1 किस्म)-200, तथा पपीता (संकर रेड लेडी किस्म)- 200. 200 किसान परिवार
xi. चावल उत्पादन तकनीक, पश्चप्रांगण मुर्गीपालन, फल रोपण-देखभाल और रखरखाव, औजार का उपयोग आदि पर क्षमता निर्माण और किसानों का प्रशिक्षण । 200 किसान परिवार
ख. एनआरआरआई-केंद्रीय वर्षाश्रित उपराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, हजारीबाग
i. सीधी बुआई धान एवं प्रतिरोपित के तहत धान प्रदर्शन आयोजित करने के लिए किसानों का चयन (किस्म सहभागीधान (10.0 हैक्टर), आईआर 64 डीआरटी 1 (10.0 हैक्टर) 40 किसान परिवार
ii. कृषि कार्यकलाप एवं वैज्ञानिक उत्पादन प्रौद्योगिकी के प्रोत्साहन हेतु किसान प्रशिक्षण एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन 100 किसान परिवार
ग. एनआरआरआई- क्षेत्रीय वर्षाश्रित तराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, गेरुआ
i. बस्का जिले में गांवों का चयन तथा बेसलाइन सर्वेक्षण 40 किसान परिवार
ii. 2017-18 के रबी/बोरो में धान प्रदर्शन (सीआर धान 310 (10. हैक्टर) तथा सीआर धान 909 (10.0 हैक्टर) के लिए किसानों का चयन 40 किसान परिवार
iii. कृषि कार्यकलाप एवं वैज्ञानिक तरीके से धान बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी के प्रोत्साहन हेतु बस्का जिले में विभिन्न गांवों के किसानों के लिए प्रशिक्षण एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन 100 किसान परिवार

ओडिशा, झारखंड और असम में कार्यक्रम के क्रियान्वयन करने के लिए टीएसपी दल के तहत जुड़े वैज्ञानिक

क्रम संख्या वैज्ञानिक का नाम पदनाम भागीदारी का स्तर
1. डॉ ए.के. नायक प्रधान वैज्ञानिक और अध्यक्ष, फसल उत्पादन प्रभाग समन्वयक
2. डॉ संजय साहा प्रधान वैज्ञानिक फसल उत्पादन प्रभाग नोडल अधिकारी
भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक
1. डॉ एस  के  मिश्रा प्रधान वैज्ञानिक, समाजविज्ञान प्रभाग क्षेत्र प्रदर्शन सहित सामाजिक-आर्थिक पहलू
2. डॉ (श्रीमती) एल। दास प्रधान वैज्ञानिक, समाजविज्ञान प्रभाग पोषण संबंधी सुरक्षा के लिए उपयुक्त हस्तक्षेप और कड़ी मजदूरी को कम करने सहित लैंगिक मुद्दें
3. डॉ एस  लेंका वरिष्ठ वैज्ञानिक, फसल सुरक्षा प्रभाग भागीदारी कीट प्रबंधन (रोग घटक)
4. ई पी.के. गुरु वैज्ञानिक, फसल उत्पादन प्रभाग मशीनीकरण के पहलू जैसे  एनआरआरआई के विभिन्न उपकरणों का प्रक्षेत्र प्रदर्शन
5. डॉ बिस्वजीत मंडल प्रधान वैज्ञानिक, समाजविज्ञान प्रभाग अर्थशास्त्र और प्रभाव विश्लेषण
6. डॉ मृदुल चक्रवर्ती वैज्ञानिक, फसल उन्नयन प्रभाग उपयुक्त चावल किस्मों और सहभागी बीज उत्पादन का प्रदर्शन
7. डॉ रघु एस वैज्ञानिक, फसल सुरक्षा प्रभाग भागीदारी कीट प्रबंधन (कीट घटक)
8. श्री बी.एस.शतपथी वैज्ञानिक, फसल उत्पादन प्रभाग फसल / कृषि प्रणाली के पहलू
9. डॉ आर.के.महांता विषयवस्तु विशेषज्ञ (पशुचिकित्सा विज्ञान), केवीके पशु घटक
एनआरआरआई-केंद्रीय वर्षाश्रित उपराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, हजारीबाग
1. डॉ  एस.एम. प्रसाद प्रधान वैज्ञानिक केंद्र टीएसपी कार्यक्रम
एनआरआरआई-क्षेत्रीय वर्षाश्रित तराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र, गेरुआ
1. डॉ  कंचन सैकिया वरिष्ठ वैज्ञानिक केंद्र टीएसपी कार्यक्रम

चावल उत्पादन तकनीक पर किसानों का प्रशिक्षण

कृषि उपकरणों का वितरण (कोनो वीडर)

टीएसपी की वार्षिक कार्यशाला के दौरान
कृषि उपकरणों का वितरण

डॉ संजय साहा, नोडल अधिकारी (टीएसपी)
खरीफ किसान पूर्व बैठक में संबोधित करते हुए