बरगढ़ जिले के बटली प्रखंड के पतरापल्ली गांव में सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल पर प्रशिक्षण सह प्रदर्शन आयोजित

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बरगढ़ जिले के बटली प्रखंड के पतरापल्ली गांव में सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल पर प्रशिक्षण सह प्रदर्शन आयोजित 

जैव-पोषक परियोजना के अंतर्गत ओडिशा के कृषक समुदाय के लिए सीआरआरआई जैव उर्वरक मॉडल पर प्रशिक्षण सह प्रदर्शन का आयोजन बटली प्रखंड के पतरापल्ली गांव में 25.02.2025 को किया गया। भाकृअनुप-सीआरआरआई, कटक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उपेंद्र कुमार इस अभिनव परियोजना के प्रमुख अन्वेषक हैं। इस कार्यक्रम का संचालन प्रगतिशील किसान श्री जयनारायण ने किया। इस कार्यक्रम का समन्वयन सीआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए के मुखर्जी और डॉ. पी पनीरसेल्वम ने किया। डॉ. नृसिंह बारिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख केवीके बरगढ़, श्री बीरेन कुमार छुरिया, कृषि जिला अधिकारी, बरगढ़ उपस्थित थे। डॉ. ए के मुखर्जी ने सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल के बारे में विस्तार से बताया और इसके बाद दलहनी फसलों में उपज बढ़ाने के लिए राइजोबियम और ट्राइकोडर्मा के लाभ और प्रयोगों के बारे में बताया। डॉ. पनीरसेल्वम ने एनआरआरआई-टेक डीकंपोजर के साथ गोबर और यूरिया का उपयोग करके धान पराली को मूल्यवान खाद में बदलने पर जोर दिया और इसका प्रदर्शन किया। डॉ. नृसिंह बारिक ने मिट्टी और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए जैवउर्वरकों के प्रयोग के महत्व और आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। परियोजना के अनुसंधान सहयोगी डॉ. साई कृष्णा रेपल्ली ने परियोजना के उद्देश्यों और एनआरआरआई-जैव उर्वरकों के प्रयोग द्वारा मृदा स्वास्थ्य में सुधार के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया, जैसे कि एनआरआरआई एंडो-एन और एनआरआरआई एंडो-एनपीके, जो रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता को 25% तक कम कर सकते हैं, जिससे उपज अधिक मिलती है और कृषि में लागत कम हो जाती है। इस कार्यक्रम को श्री शरत चंद्र साहू, तकनीकी कर्मचारियों और सीआरआरआई के अन्य परियोजना कर्मचारियों द्वारा संचालित किया गया और लगभग 72 किसानों और महिला किसानों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और लाभ उठाया।

Author: crriadmin