एनआरआरआई, कटक में आयोजित एग्रीविजन-2024 सम्मेलन का सफल समापन

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एनआरआरआई, कटक में आयोजित एग्रीविजन-2024 सम्मेलन का सफल समापन

भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक (एनआरआरआई) और सोसाइटी फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड मैनेजमेंट (एसएआरएम), कटक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित छठवीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “एग्रीविजन-2024” का समापन समारोह 22.1.2024 के दिन संपन्न हुआ। तीन दिनों तक आयोजित इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में चावल अनुसंधान और जलवायु परिवर्तन से संबंधित सुप्रसिद्ध एवं प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों और अन्य संगठनों के विशेषज्ञों ने अभूतपूर्व जानकारी एवं खोजें साझा किया, सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा दिया और भविष्य के नवाचारों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
भुवनेश्वर में स्थित केंद्रीय मीठाजल जलजीवपालन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ समापन समारोह में डॉ. प्रमोद कुमार साहु ने मुख्य अतिथि के रूप में समापन समारोह की शोभा बढ़ाई तथा ओयूएटी, भुवनेश्वर के डीन (विस्तार) डॉ. प्रसन्नजीत मिश्र सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। एनआरआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने समापन समारोह की अध्यक्षता की।
सम्मेलन में एनआरआरआई ने विकसित जलवायु-प्रतिरोधी प्रौद्योगिकियों में नवीनतम सफलताओं को प्रदर्शित करते हुए कई व्यावहारिक प्रस्तुतियाँ और चर्चाएँ की गईं। औपचारिक प्रस्तुतियों के अलावा, एसएआरएम द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव कार्यशालाओं और पैनल चर्चाओं में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इन सत्रों ने विचारों के गतिशील आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की, प्रतिभागियों को विशेषज्ञों के साथ जुड़ने और उभरते प्रवृत्तियों में गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
सम्मानित अतिथि ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि पूरे विश्व को अब जलवायु परिवर्तन से लेकर संसाधनों की कमी और जैव विविधता हानि तक अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि के पारंपरिक मॉडल इन चुनौतियों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपर्याप्त हैं। स्थिर कृषि की तलाश में प्रौद्योगिकी एक शक्तिशाली सहयोगी है। स्थिर कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां हमारी खाद्य प्रणालियों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
एनआरआरआई के निदेशक ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिर कृषि समय की मांग है और चावल अनुसंधान इस प्रयास में आशा की किरण के रूप में खड़ा है। एनआरआरआई द्वारा उच्च उपज देने वाली और प्रतिरोधी चावल की किस्मों के विकास ने न केवल देश में चावल की उत्पादकता में वृद्धि की है, बल्कि सूखे, बाढ़ और कीटों जैसे पर्यावरणीय तनावों का भी सामना किया है। इन किस्मों की खेती करके, किसान रासायनिक प्रयोग पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं, जिससे कृषि प्रणाली लंबे समय में अधिक स्थिर हो गई है।
इस समापन कार्यक्रम के आरंभ में एग्रीविजन-2024 के संयोजक डॉ. एम जे बेग ने सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अंत में कार्यक्रम निदेशक दिब्यांशु दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: crriadmin