आरसीआरआरएस

भाकृअनुप-एनआरआरआई –तटीय क्षेत्रीय चावल अनुसंधान केंद्र (आरसीआरआरएस) नायरा, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश

भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों के चावल उत्पादकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए के श्रीकाकुलम जिले में आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय (एएनजीआरएयू), नायरा के परिसर में अपने एक कृषि कॉलेज में 12वीं योजना ईएफसी की मंजूरी के आधार पर एक क्षेत्रीय उपकेंद्र (तटीय क्षेत्रीय चावल अनुसंधान केंद्र) की स्थापना के लिए कदम उठाया है। यह भाकृअनुप-एनआरआरआई का तीसरा क्षेत्रीय केंद्र होगा। बाढ़ एवं सूखा की बारंबारता के साथ नाजुक तटीय पारिस्थितिकी में शोध को देखते हुए वर्षाश्रित तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए नायरा में यह क्षेत्रीय केंद्र चावल अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा।

अवस्थिति:

यह स्थल श्रीकाकुलम शहर से 16.2 किमी दूरी पर और समुद्र के तट से 16.4 किमी दूर तटीय पारिस्थितिकी में स्थित है जहां बाढ़ और चक्रवात बारंबार होते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन श्रीकाकुलम रोड है, जो स्थल से 7.2 किमी दूर है।

क्षेत्र:

एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय, गुंटूर ने नायरा में क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना के लिए कृषि कॉलेज, नायरा (अनुसंधान के उद्देश्य से कॉलेज के वेटलैंड ब्लॉक से 20 एकड़ और कार्यालय भवन, कर्मचारी कार्यालयों के लिए 5 एकड़ भूमि) से 25 एकड़ भूमि का सीमांकन और आवंटन किया है।

समझौता ज्ञापन (एमओयू)

15 मई 2017 को एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय, गुंटूर और भाकृअनुप-एनआरआरआई के बीच क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना, भूमि आवंटन आदि के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

क्षेत्रीय केंद्र का अधिदेश

  • तटीय चावल पारितंत्र के लिए उपयुक्त जैविक दबावों के प्रति प्रतिरोधी/सहिष्णु जलवायु के अनुकूल किस्में विकसित करना।
  • चावल के जननद्रव्यों का पता लगाने, उनका मूल्यांकन और संरक्षण करने के लिए।
  • उत्पादकता और आय को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उपयुक्त चावल और चावल आधारित उत्पादन प्रणालियों के लिए उपयुक्त उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों का विकास करना।
  • विस्तार विधियों और उपकरणों के माध्यम से तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उपयुक्त चावल उत्पादन तकनीक और चावल आधारित खेती प्रणालियों पर चावल हितधारकों को प्रशिक्षण प्रदान करना।

स्टाफ:

एनआरआरआई क्षेत्रीय केंद्र, नायरा में अनुसंधान को बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ किया जाएगा जिसमें पौध प्रनजक, शस्यवैज्ञानिक, मृदा वैज्ञानिक, कीटवैज्ञानिक, पादपरोग वैज्ञानिक और विस्तार वैज्ञानिक शामिल हैं। क्षेत्रीय केंद्र में 10 वैज्ञानिक, 15 तकनीकी, 5 प्रशासनिक और 20 कुशल सहायक कर्मचारियों द्वारा केंद्र के अधिदेश को पूरा करने के लिए मजबूत किया जाने का प्रस्ताव है।

वर्तमान स्थिति

  • भाकृअनुप-एनआरआरआई कटक के फसल सुरक्षा प्रभाग एक प्रमुख वैज्ञानिक को अनुसंधान कार्यक्रम की दैनिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए क्षेत्रीय केंद्र, नायरा के प्रभारी के रूप में नामित किया गया है। समय के साथ-साथ, अनुसंधान के लिए सुविधाओं के निर्माण के साथ, अन्य वैज्ञानिकों को नैरा में तैनात किया जाएगा।
  • भूमि हस्तांतरण के संबंध में आंध्र प्रदेश सरकार की लीज डीड के पंजीकरण और अनुमोदन की प्रक्रिया प्रगति पर है।

अनुसंधान:

  • खरीफ 2017 के मौसम में भाकृअनुप-एनआरआरआई किस्मों को लोकप्रिय बनाने के लिएऔर बीज उत्पादन के लिए उच्च उपज वाली, एरोबिक, सूखा सहिष्णु, उच्च प्रोटीनयुक्त और सिंचित स्थितियों सहित आठ किस्में पर अनुसंधान कार्य किए गए।
  • खरीफ 2017 में तटीय पारिस्थितिकी तंत्र में नाइट्रोजन कर्व के आकलन के बारे में फसल उत्पादन प्रभाग का एक परीक्षण किया गया था।
  • खरीफ 2017 में तटीय पारिस्थितिकी तंत्र क्षेत्र में कीटों, रोगों और चावल के खरपतवारों की निगरानी और सर्वेक्षण किया गया।