अग्रणी कीट प्रबंधन: एनआरआरआई की फेरोमोन उत्पादन इकाई ओडिशा में फसल सुरक्षा में क्रांति लाएगी

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अग्रणी कीट प्रबंधन: एनआरआरआई की फेरोमोन उत्पादन इकाई ओडिशा में फसल सुरक्षा में क्रांति लाएगी

आरकेवीवाई-ओडिशा निधि के माध्यम से एक फेरोमोन उत्पादन इकाई विकसित की गई, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और कीट प्रबंधन रणनीतियों में क्रांतिकारी बदलाव हेतु समर्पित है। वर्तमान में, इकाई चावल के पीले तना छेदक (स्क्रिपो ल्यूर), चावल के लेड फोल्डर (नैफालो ल्यूर), टोबाको कट वर्म और फॉल आर्मीवर्म (स्पोडो ल्यूर), फ्रूट बोरर (हेली ल्यूर) जैसे विभिन्न कीटों की निगरानी और प्रबंधन के लिए फेरोमोन का उत्पादन करती है। लक्षित कीटों के खतरे को प्रबंधित करने के लिए भविष्य में अन्य ल्यूर का उत्पादन और सही फसल-चरणों पर स्थापना के लिए किसानों को आपूर्ति की जाएगी। फेरोमोन उत्पादन इकाई की फेरोमोन ल्यूर उत्पादन गतिविधियाँ और ओडिशा के किसानों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रैप और ल्यूर उत्पादन की भविष्य की योजना, टिकाऊ कृषि और बेहतर आजीविका का मार्ग प्रशस्त करेगी।
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के माननीय सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ.हिमांशु पाठक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शिक्षा संभाग के उप महानिदेशक डॉ.आर.सी. अग्रवाल, परिषद के एफएफसी संभाग के सहायक महानिदेशक डॉ.एस.के. प्रधान, भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. नायक, निदेशक, ओयूएटी, भुवनेश्वर के कुलपति, प्रोफेसर पी.के. राउल ने 23 अप्रैल, 2024 को एनआरआरआई के 79वें स्थापना दिवस एवं धान दिवस के दौरान वर्चुअल मोड पर इस इकाई का उद्घाटन किया।

Author: crriadmin