भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 16-22 अगस्त, 2024 के दौरान “19वीं पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह”आयोजित
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक के निर्देशानुसार तथा निदेशक, भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर (मध्य प्रदेश) के अनुरोध पर, भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने हजारीबाग (झारखंड) स्थित अपने क्षेत्रीय उपकेंद्र के साथ मिलकर 16-22 अगस्त 2024 के दौरान पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस (गाजर खरपतवार/कांग्रेस घास/गाजर घास) के हानिकारक प्रभावों और इसके प्रबंधन के बारे में जानकारी देने के लिए 19वीं पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह-2024 का आयोजन किया। “स्वच्छ भारत अभियान” के अंतर्गत संस्थान परिसर को पार्थेनियम मुक्त रखने के लिए कर्मचारियों के बीच अधिकतम जागरूकता फैलाने के लिए कई तरह की गतिविधियाँ आयोजित की गईं। 16 अगस्त, 2024 को आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में, संस्थान स्वच्छ भारत समिति के अध्यक्ष डॉ. एस. लेंका ने पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह के महत्व पर विस्तार से वर्णन किया और 16-22 अगस्त 2024 के दौरान परिसर और एससीएसपी द्वारा अपनाए गए गाँवों में की जाने वाली सप्ताह भर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह के दौरान, डॉ. राघवेंद्र गौड़, वैज्ञानिक (कृषि विज्ञान) ने “पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस के हानिकारक प्रभाव और इसके एकीकृत प्रबंधन”विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. एम. जे. बेग, निदेशक (प्रभारी) ने अपने अध्यक्षीय भाषण में पार्थेनियम के हानिकारक प्रभावों, पार्थेनियम खरपतवार को नियंत्रित करने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में चर्चा की और एक प्रभावी नियंत्रण उपाय के रूप में फूल आने से पहले खरपतवार को उखाड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। एनआरआरआई, कटक के परिसर में 17.08.2024, 18.08.2024 और 22.08.2024 को पार्थेनियम खरपतवारों को हटाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें कर्मचारियों, परियोजना कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और संस्थान स्वच्छ भारत समिति के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही, ताकि परिसर को पार्थेनियम मुक्त बनाया जा सके। एससीएसपी द्वारा अपनाए गए गांव, ऐनीपुर, निश्चिन्तकोइली, कटक में 19.08.2024 को पार्थेनियम खरपतवारों को हटाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया गया। ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से, 20.08.2024 को एससीएसपी द्वारा अपनाए गए कटक सदर के पाइकोन गांव में, पार्थेनियम खरपतवारों को हटाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया गया। एनआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिक एवं एससीएसपी के अध्यक्ष डॉ. बी. मंडल और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एन. जांभुलकर ने ग्रामीणों को पार्थेनियम खरपतवार के स्वास्थ्य संबंधी खतरों और इसके प्रबंधन के बारे में जागरूक किया। डॉ. सुष्मिता मुंडा, वरिष्ठ वैज्ञानिक (कृषि विज्ञान) और डॉ. रेशमी राज के.आर., वैज्ञानिक (आनुवांशिकी और पादप प्रजनन) ने 21.08.2024 को डॉ. रामैया सम्मेलन कक्ष में पार्थेनियम खरपतवारों के प्रबंधन पर प्रशिक्षण और प्रदर्शन आयोजित किया।
संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र केंद्रीय वर्षाश्रित उपराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र (सीआरयूआरआरएस), हजारीबाग (झारखंड) ने भी इस अवधि के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया और महत्वपूर्ण गतिविधियां जैसे एससीएसपी गांव भेलवाटांड, हजारीबाग में “जागरूकता, पार्थेनियम उखाड़ना, टीएसपी द्वारा अपनाए गए गांवों कासीरा और नवथोली, खूंटी में “पार्थेनियम के हानिकारक प्रभाव और इसके प्रबंधन” पर गोष्ठी, आइसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, झारखंड में “पार्थेनियम के हानिकारक प्रभाव और उसका प्रबंधन” पर कृषक गोष्ठी और इस क्षेत्रीय केंद्र के परिसर में “जागरूकता और पार्थेनियम उखाड़ना” आयोजित की गईं। कार्यक्रम में डॉ एन पी मंडल, अध्यक्ष, सीआरयूआरआरएस, हजारीबाग, डॉ एस एम प्रसाद, प्रधान वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान), अन्य वैज्ञानिक, संविदा श्रमिकों सहित कर्मचारी, परियोजना कर्मचारी, छात्र शामिल हुए थे।