भाकृअनु-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 16-22 अगस्त, 2023 तक "18वें पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह" का आयोजन

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भाकृअनु-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 16-22 अगस्त, 2023 तक “18वें पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह” का आयोजन

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक के आवश्यक निर्देश और भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर (मध्य प्रदेश) के निदेशक के अनुरोध के अनुसार, भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने झारखंड के हजारीबाग में स्थित इसके क्षेत्रीय केंद्र के सहित पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस (गाजर घास) के हानिकारक प्रभावों और इसके प्रबंधन से अवगत कराने के लिए 16-22 अगस्त 2023 के दौरान 18वें पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह-2023 का आयोजन किया। “स्वच्छ भारत अभियान” की राष्ट्रीय प्रमुख कार्यकलाप के तहत संस्थान परिसर को पार्थेनियम मुक्त रखने हेतु स्टाफ सदस्यों के बीच अधिकतम जागरूकता फैलाने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला आयोजित की गई। संस्थान में 16 अगस्त, 2023 को आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में संस्थान स्वच्छ भारत समिति के अध्यक्ष डॉ. एस लेंका ने 16-22 अगस्त 2023 के दौरान की जाने वाली सप्ताह भर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह के दौरान, डॉ. राघवेंद्र गौड़, वैज्ञानिक (कृषि विज्ञान) ने “पार्थेनियम का परिचय, पहचान, हानिकारक प्रभाव और पारंपरिक, शाकनाशी प्रबंधन” विषय पर व्याख्यान दिया और डॉ. बसन गौड़ जी, वैज्ञानिक (कृषि कीट विज्ञान) ने “जैव नियंत्रण एजेंटों के उपयोग द्वारा पार्थेनियम खरपतवार का प्रबंधन” विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. एम.जे. बेग, निदेशक (प्रभारी) ने पार्थेनियम के हानिकारक प्रभावों पर विचार-विमर्श किया और इस खरपतवार को एक एकीकृत मोड में अर्थात यांत्रिक, पारंपरिक और जैव नियंत्रण विधियों के माध्यम से प्रबंधित करने की आवश्यकता पर बल दिया। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के परिसर में पार्थेनियम खरपतवार को हटाने तथा परिसर को पार्थेनियम मुक्त करने के लिए संस्थान की स्वच्छ भारत समिति के सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों, परियोजना कर्मचारियों, आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की भागीदारी के साथ 17.08.2023, 18.08.2021, 21.08.2021 और 22.08.2023 को स्वच्छता सफाई अभियान चलाया गया।
संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, सीआरयूआरआरएस, हजारीबाग (झारखंड) ने भी इस अवधि के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। एससीएसपी गांव चरही, हज़ारीबाग में “जागरूकता, पार्थेनियम उन्मूलन” जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ की गईं; टीएसपी के तहत अपनाए गए गांवों गगारी, अराकेम, रांची में “पार्थेनियम के हानिकारक प्रभाव और इसके प्रबंधन” पर गोष्ठी आयोजित की गई; एससीआरटीसी, डेमोटांड, हज़ारीबाग़ में “पार्थेनियम के हानिकारक प्रभाव और इसके प्रबंधन” पर कृषक गोष्ठी आयोजित की गई और सीआरयूआरएस के प्रभारी डॉ. एन.पी.मंडल, डॉ. एस.एम.प्रसाद, पीएस (कृषि विज्ञान), अन्य वैज्ञानिक, संविदा कर्मचारी, परियोजना कर्मचारी, छात्र सहित कर्मचारी की भागीदारी के साथ इस क्षेत्रीय केंद्र के परिसर में “पार्थेनियम और पार्थेनियम को उन्मूलन के बारे में जागरूकता” पर कृषक गोष्ठी आयोजित की गई।
कृषि विज्ञान केंद्र, कटक ने 16-22 अगस्त, 2023 तक पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह पर विभिन्न गांवों, स्कूलों और इसके परिसर में जागरूकता अभियान भी चलाया, जिसमें कटक जिले के लगभग 355 स्कूली बच्चों, 55 विस्तार अधिकारियों और 48 महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को शामिल किया गया। पार्थेनियम (पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस) को गाजर घास या अकाल खरपतवार के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह गाजर के पौधे से मिलता जुलता है और एक सर्वव्यापी आक्रामक खरपतवार के रूप में इसका प्रभुत्व है। कार्यक्रम के आयोजक विषयवस्तु विशेषज्ञ (पशु विज्ञान) डॉ. रंजन कुमार मोहंता ने मानव एवं पशुधन पर इसके दुष्प्रभाव का वर्णन किया।

Author: crriadmin