जलवायु परिवर्तन का मुकाबला और भारत में महिला किसानों के आजीविका विकास विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

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जलवायु परिवर्तन का मुकाबला और भारत में महिला किसानों के आजीविका विकास विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

कृषि में कठिन परिश्रम कम करने वाली प्रौद्योगिकियों के माध्यम से महिला किसानों को सशक्त बनाने और जलवायु परिवर्तन संकट के बीच कृषि में विभिन्न अस्थिरताओं को दूर करने के लक्ष्य से भुवनेश्वर स्थित एक गैर-सरकारी संगठन अस्तित्व के सहयोग से भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने 4 दिसंबर 2023 को एनआरआरआई, कटक में “जलवायु परिवर्तन का मुकाबला और भारत में महिला किसानों के आजीविका विकास शीर्षक पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। अस्तित्व के अध्यक्ष प्रोफेसर बेदबती महांती ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर की कुलपति प्रोफेसर सबिता आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति थी। डॉ. ए.के. नायक, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक और प्रोफेसर एस.एन. पशुपालक, पूर्व कुलपति, ओयूएटी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर आचार्य ने जलवायु परिवर्तन और मानवता, विशेषकर महिला किसानों पर इसके प्रभाव पर जोर दिया।
डॉ. ए.के. नायक ने कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की विभिन्न चुनौतियों और इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों द्वारा उठाए जाने वाले गुणात्मक अनुसंधान और सक्रिय कदमों पर ध्यान केंद्रित किया। प्रोफेसर एस.एन. पशुपालक ने अपने संबोधन में वैश्विक अर्थव्यवस्था और विशेषकर ग्रामीण भारत की महिला किसानों की आजीविका पद्धति पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर संकेत दिया। उन्होंने चुनौतियों से पार पाने के लिए कुछ संभावित विकल्पों पर भी चर्चा की। कार्यक्रम में एक स्मारिका का विमोचन किया गया। भाकृअनुप-एनआरआरआई के सामाजिक विज्ञान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. जी.ए.के. कुमार ने हार्दिक धन्यवाद दिया।
उद्घाटन सत्र के बाद एमिटी ह्यूमैनिटी रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, भुवनेश्वर के निदेशक प्रोफेसर चक्रधर सतपथी की अध्यक्षता में ‘जलवायु परिवर्तन और महिला किसानों का सशक्तिकरण’, ओडिशा राज्य यूएनडीपी के प्रमुख डॉ. आभा मिश्र की अध्यक्षता में ‘जलवायु परिवर्तन, और महिलाओं का स्वास्थ्य’ तथा राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान के पूर्व उप निदेशक डॉ मंजू ध्रुंडियाल की अध्यक्षता में ‘जलवायु परिवर्तन के सामाजिक आयाम’ विषयों पर तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में राज्य और देश भर के कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। वैज्ञानिकों ने पेपर प्रस्तुत किए और अपने अनुभव और निष्कर्षों को सभा में साझा किया जिससे विशेष रूप से देश की महिला किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया। प्रत्येक तकनीकी सत्र के सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुतकर्ताओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। अंत में अस्तित्व, भुवनेश्वर के सलाहकार श्री पी.के. सतपथी ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और सेवा प्रदाताओं को धन्यवाद दिया।

Author: crriadmin