सहयोगात्मक चावल अनुसंधान के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और असम कृषि विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

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सहयोगात्मक चावल अनुसंधान के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और असम कृषि विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

चावल अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने और विशेषज्ञता साझा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, ओडिशा के कटक, में स्थित भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (एनआरआरआई) और असम के जोरहाट में स्थित असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) के तहत असम चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा 13 जुलाई, 2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य अनुसंधान और विकास, जननद्रव्य आदान-प्रदान, विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम, मानव संसाधन विकास तथा चावल से संबंधित नवाचारों के व्यावसायीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करना है। एनआरआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने एनआरआरआई की ओर से एवं असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट के अनुसंधान के डीन डॉ. मृणाल सैकिया ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। असम कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. बिद्युत चंद्र डेका ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई और इस सहयोग कार्यक्रम के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। हस्ताक्षर समारोह कटक में स्थित भाकृअनुप-एनआरआरआई परिसर में हुआ, जिसमें असम कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. संजय कुमार चेतिया एवं एनआरआरआई से डॉ. एम.जे. बेग, डॉ. जी.ए.के.कुमार डॉ. एस. सामंतराय, डॉ. पी. भट्टाचार्य, डॉ. एस.डी. महापात्र, डॉ. बी. मंडल, श्री वी. गणेश कुमार और श्री आर.के. सिंह उपस्थित थे।
समझौते के तहत, भाकृअनुप-एनआरआरआई और असम कृषि विश्वविद्यालय चावल प्रजनन, आनुवंशिकी, कृषि विज्ञान और फसल सुरक्षा तथा विस्तार के क्षेत्र में अपनी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। इस सहयोग से चावल की उन्नत किस्मों, बेहतर कृषि पद्धतियों और कीट और रोग प्रबंधन की स्थिर रणनीतियों के विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी। समझौते में दोनों संस्थानों के बीच संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों के प्रावधान भी शामिल हैं। यह पहल शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विविध चावल पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि पद्धतियों से परिचित होने में अवसर प्रदान करेगी। यह एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देगा जहां ज्ञान और विशेषज्ञता साझा की जा सकेगी, जिससे देश में चावल अनुसंधान और विकास की समग्र उन्नति में योगदान मिलेगा।
एनआरआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने सहयोग के बारे में आशा व्यक्त करते हुए कहा कि “एनआरआरआई और असम कृषि विश्वविद्यालय के बीच यह समझौता ज्ञापन चावल अनुसंधान के क्षेत्र में एक मजबूत साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों के संयोजन से, हम चावल कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।” असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बी.सी. डेका ने इन भावनाओं को दोहराते हुए कहा, कि “चावल अनुसंधान में एक प्रसिद्ध संस्थान भाकृअनुप-एनआरआरआई के साथ सहयोग करके हमें खुशी हो रही है। यह साझेदारी ज्ञान के आदान-प्रदान और तकनीकी प्रगति को सुविधाजनक बनाएगी, जिससे अंततः किसानों और चावल उद्योग को समग्र रूप से लाभ होगा।”
इस अवसर पर असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बी.सी. डेका ने “एनएआरईएस प्रणाली का कृषि व्यवसाय मंच में परिवर्तन: अनुकरण के लिए एएयू मॉडल” पर एक व्याख्यान दिया जिसमें एनआरआरआई के कर्मचारियों, अध्येताओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ. डेका ने एनएआरईएस प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता, आंतरिक राजस्व उत्पन्न करने और विद्यार्थियों के बीच उद्यमिता विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में कृषि व्यवसाय के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण पर भी जोर दिया।

Author: crriadmin