ओयूएटी, भाकृअनुप-एनआरआरआई, भाकृअनुप-सीआईएफए, भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए, भाकृअनुप-एनआईएफएमडी, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएचआर, क्षेत्रीय केंद्र-सीटीसीआरआई, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईपीआर, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएसडब्ल्यूसी, क्षेत्रीय केंद्र-डीपीआर एवं क्षेत्रीय केंद्र-सीआरआईजेएएफ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

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ओयूएटी, भाकृअनुप-एनआरआरआई, भाकृअनुप-सीआईएफए, भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए, भाकृअनुप-एनआईएफएमडी, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएचआर, क्षेत्रीय केंद्र-सीटीसीआरआई, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईपीआर, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएसडब्ल्यूसी, क्षेत्रीय केंद्र-डीपीआर एवं क्षेत्रीय केंद्र-सीआरआईजेएएफ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक के आदेश के अनुसार ओयूएटी, भाकृअनुप-एनआरआरआई, भाकृअनुप-सीफा, भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए, भाकृअनुप-एनआईएफएमडी, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएचआर, क्षेत्रीय केंद्र-सीटीसीआरआई, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईपीआर, क्षेत्रीय केंद्र-आईआईएसडब्ल्यूसी, क्षेत्रीय केंद्र-डीपीआर एवं क्षेत्रीय केंद्र-सीआरआईजेएएफ संस्थानों के बीच 27 फरवरी, 2023 को ओयूएटी द्वारा अपने परिसर में आयोजित किसान मेले के उद्घाटन समारोह के दौरान एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। यह समझौता ज्ञापन सभी संस्थानों/विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों के आदान-प्रदान, संकाय के आदान-प्रदान, सहयोगी अनुसंधान, आउटरीचिंग और प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने, प्रयोगशाला और अन्य सुविधाओं को साझा करने, संयुक्त प्रकाशन/पेटेंट/आईपीआर, संगोष्ठी/सम्मेलन/कार्यशाला के संयुक्त संगठन जैसी विभिन्न कार्यकलापों और आपसी सहमति पर कोई अन्य वैज्ञानिक गतिविधियाँ को आयोजन करने की सुविधा प्रदान करेगा। डॉ. अरबिंद पाढ़ी, प्रमुख सचिव, कृषि और श्री एस के वशिष्ठ, प्रधान सचिव, पशुपालन और मत्स्य पालन, ओडिशा सरकार की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। डॉ पाढ़ी और श्री वशिष्ठ ने एक साथ काम करने के इस प्रयास की सराहना की और इस समझौता ज्ञापन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार से सभी मदद देने का वादा किया। ओयूएटी के कुलपति डॉ पी के राउल ने अपने संबोधन में कहा कि ओडिशा-एनएआरएस के अभिसरण के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई है जिसे इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से बनाया गया है। डॉ. ए के नायक, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरआरआई ने कुलपति को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया और मत व्यक्त किया कि भविष्य में, हमारी सभी गतिविधियां मिशन मोड में होनी चाहिए जिसमें प्रत्येक आयोजन एवं प्रयास में अधिक से अधिक भागीदार भाग ले सकें।

Author: crriadmin