‘मिशन लाइफ़’ शीर्षक सहित विश्व पर्यावरण दिवस-2024

News

‘मिशन लाइफ़’ शीर्षक सहित विश्व पर्यावरण दिवस-2024

भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, कटक चैप्टर और भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी, कटक चैप्टर के सहयोग से 03 जून, 2024 को ‘चावल की फसल की खेती में भारी धातु का प्रबंधन: पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए सतत रणनीति’विषय पर “मिशन लाइफ”-विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के उत्सव के लिए एक दिवसीय कार्यशाला और प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ओडिशा सरकार द्वारा वित्तपोषित परियोजना “ओडिशा की अम्लीय मिट्टी को पुनः प्राप्त करने के लिए मिट्टी में सुधार के रूप में बेसिक-स्लैग और फ्लाई ऐश की कम लागत और पर्यावरण के अनुकूल उपयोग: चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट से संपदा” (ईएपी 411) के तहत आयोजित किया जाएगा।
भारत पर्यावरण के प्रति जागरूक देश है। भारतवर्ष का दर्शन और जीवन शैली लंबे समय से प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की अवधारणा पर आधारित है। संरक्षण भारतीय लोकाचार में समाहित है, न केवल परंपरा से बंधे गांवों में, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी। लेकिन, हमारे मजबूत मूल्यों और लगातार आगे बढ़ती तकनीक के बावजूद, भारी धातुएं हमारी खाद्यपदार्थों में शामिल हो चुकी हैं। इस कार्यशाला के सहित, भाकृअनुप-एनआरआरआई संसार भर के लाखों लोगों के साथ मिलकर सुरक्षित भोजन तथा वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई का आह्वान कर रहा है। बैठक में लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख अनुसंधान संस्थानों, उद्योगों, स्टार्टअप्स एफपीओ और अनुगूल, ढेंकनाल, झारसुगुड़ा, जाजपुर और कटक के किसान शामिल थे। भाकृअनुप-एनआरआरआई के निदेशक डॉ. ए के नायक ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और एनआरआरआई द्वारा जारी चावल की किस्मों के बीज वितरित किए। इस अवसर पर आईएमएमटी, भुवनेश्वर के पर्यावरण एवं स्थिरता विभाग के अध्यक्ष एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एन के धल मुख्य अतिथि एवं अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित थे। ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं जीवन विज्ञान स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एमएम रहमान भी इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने समारोह की अध्यक्षता की। प्रतिभागियों को मृदा नमूनाकरण पर जागरूकता प्रशिक्षण दिया गया तथा वैज्ञानिकों की दल ने उनसे चर्चा की। फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रताप भट्टाचार्य ने किसानों को मूल्य संवर्धन के बाद औद्योगिक अपशिष्टों के उपयोग तथा स्वस्थ पर्यावरण से इसके संबंध के बारे में जानकारी दी। मृदा क्षरण और उसके प्रबंधन के मुद्दे पर बोलते हुए डॉ. नायक ने मृदा परीक्षण आधारित पोषक तत्वों के प्रयोग, खाद के उपयोग और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर दिया। मुख्य अतिथि डॉ. एन.के. धल ने भारी धातु प्रदूषित मृदा के प्रबंधन के लिए फाइटोरेमेडिएशन तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। डॉ. एम.एम. रहमान ने चावल में आर्सेनिक और कैडमियम विषाक्तता और उनके संभावित प्रबंधन विकल्पों पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त, टाटा स्टील, ढेंकनाल के एरिया मैनेजर श्री संतोष पाट्जोशी ने अपने विचार व्यक्त किया कि किस तरह फ्लाई ऐश और स्लैग मिट्टी की पोषकता की स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी हो सकते हैं। कटक के मुख्य जिला कृषि अधिकारी डॉ. अशोक कुमार कर ने अम्लीय मिट्टी के सुधार के महत्व के बारे में सभा को जानकारी दी। कार्यक्रम के आरंभ में, आयोजन सचिव डॉ. रुबीना खानम ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और अंत में डॉ. एम. शाहिद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: crriadmin