भाकृअनुप-सीआरआरआई ने 80वां स्थापना दिवस और धान दिवस मनाया

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भाकृअनुप-सीआरआरआई ने 80वां स्थापना दिवस और धान दिवस मनाया

भाकृअनुप-केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), कटक ने 23 अप्रैल, 2025 को संस्थान के एमकेसीजी प्लेटिनम जुबली सभागार में अपना 80वां स्थापना दिवस और धान दिवस मनाया। आईएआरआई, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक एवं एमेरिटस प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। भाकृअनुप-सीआरआरआई के पूर्व निदेशक डॉ. दीपांकर माइती और डॉ. पद्मिनी स्वाईं कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।
समाज विज्ञान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. जी.ए.के. कुमार ने अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। भाकृअनुप-सीआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. एम.जे. बेग ने संस्थान की पिछले वर्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और शोध गतिविधियों को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर, मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. सिंह ने “बासमती: एक विज्ञान-आधारित क्रांति” पर तीसरा डॉ. के. रमैया स्थापना दिवस व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक नवाचार और तकनीकी उन्नति द्वारा विकसित बासमती चावल की परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले वर्ष बासमती किस्मों से 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने तनाव सहनशीलता के लिए स्पीड ब्रीडिंग, जीन एडिटिंग और प्री-ब्रीडिंग पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रगतियों ने उच्च उपज वाली, प्रीमियम गुणवत्ता वाली बासमती किस्मों के माध्यम से किसानों की आय और बाजार के अवसरों को काफी हद तक बढ़ाया है। डॉ. दीपांकर माइती ने अपने संबोधन में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने में आने वाली चुनौतियों, विनियामक बाधाओं, बौद्धिक संपदा अधिकारों और किसानों तथा प्रजनकों के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता के बारे में बताया। डॉ. पद्मिनी स्वाईं ने अपने भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि समृद्ध सूक्ष्म पोषक तत्व युक्त बायोफोर्टिफाइड चावल भविष्य में विभिन्न किस्मों में शामिल होगा। उन्होंने उपज, प्रतिरोध और तनाव सहिष्णुता के लिए आनुवंशिक सुधार के महत्व पर भी जोर दिया।
गणमान्य व्यक्तियों ने सीआरआरआई के नौ नए प्रकाशनों का विमोचन किया और संस्थान के विभिन्न प्रभागों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मेधावी छात्रों, अग्रणी किसानों और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में 500 से अधिक किसानों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, छात्रों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भाग लिया।
परीक्षण खेत के दौरे, ओराइजा संग्रहालय और कृषि पर्यटन स्थल के दौरे और किसान-वैज्ञानिक विचार-विमर्श सत्र जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थापना दिवस एक यादगार और प्रेरक अवसर था, जिसने राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चावल विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए सीआरआरआई की स्थायी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डॉ. राहुल त्रिपाठी, आयोजन सचिव अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: crriadmin