फार्मर फर्स्ट क्लस्टर कार्यक्रम में प्रक्षेत्र निगरानी एवं विचार-विनिमय बैठक का आयोजन
फार्मर फर्स्ट क्लस्टर में जिसमें कटक जिले के सालेपुर प्रखंड के चार गांव मलिहाता, गोपीनाथपुर, पुरूषोत्तमपुर, गानापुर शामिल थे, फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम के तहत प्रक्षेत्र निगरानी का आयोजन 23 फरवरी 2024 को किया गया। भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम के नोडल अधिकारी, प्रमुख अन्वेषक, सह-प्रमुख अन्वेषक, परियोजना कर्मियों और भाग लेने वाले किसानों ने उन भूखंडों का दौरा किया जहां वाणिज्यिक सब्जी की खेती, कृमिखाद, मछलीपालन, पश्चप्रांगण मुर्गीपालन, डेयरी फार्मिंग, बड़ी बनाने के उद्यम जैसे विभिन्न खेती मॉड्यूल के बारे में विस्तृत से वर्णन किया गया। प्रक्षेत्र भ्रमण के बाद एक विचार-विनिमय आदान-प्रदान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें अटारी, कोलकाता से फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. के.एस. दास ने बेहतर आय पाने के लिए कृषि गतिविधियों के मूल्यवर्धन, ‘मशरूम स्पॉन यूनिट’ की स्थापना, बेहतर उर्वरक प्रबंधन के लिए मिट्टी परीक्षण आदि पर जोर दिया।
संस्थान के फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम के प्रधान अन्वेषक डॉ. बी. मंडल ने अतिथियों और किसानों का स्वागत किया और क्लस्टर में परियोजना गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला। केंद्रीय बागवानी प्रायोगिक स्टेशन, भुवनेश्वर के अध्यक्ष डॉ. जी. आचार्य ने फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम के तहत आयोजित विभिन्न बागवानी गतिविधियों के बारे में संक्षेप में बताया। पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, भुवनेश्वर के क्षेत्रीय स्टेशन के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.सी. गिरी ने क्लस्टर में पशुपालन मॉड्यूल के तहत की गई गतिविधियों और हस्तक्षेपों के बारे में बताया। ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के डॉ. एन. चिनारा ने आजीविका बढ़ाने के लिए मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी और एनआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. लेंका ने बेहतर मिट्टी प्रबंधन के लिए कृमि खाद पर विचार-विमर्श किया। कुछ लाभार्थी किसानों ने मृदा परीक्षण, बेहतर विपणन सुविधाओं, भंडारण सुविधाओं के निर्माण आदि जैसे अपने विचार व्यक्त किये। स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने अपने उत्पादों जैसे बड़ी, शहद, घी आदि के साथ स्टॉल लगाए। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक, भाकृअनुप-सीआईएफए, भुवनेश्वर; भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम, भुवनेश्वर; और ओयूएटी, भुवनेश्वर के फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के प्रोजेक्ट फेलो भी क्षेत्र निगरानी और विचार-विमर्श बैठक के दौरान उपस्थित थे। कार्यक्रम में लगभग 130 किसानों और महिला किसानों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. पॉल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।