मशरूम खेती के माध्यम से कृषि आय और रोजगार के अवसर में बढ़ावा
कटक जिले के भातपड़ा गाँव के श्री जयंत कुमार राउत ने एनआरआरआई वैज्ञानिकों के उचित मार्गदर्शन में 1.1 हेक्टेयर की एक छोटे भूखंड में धान फसल की खेती के साथ एक छोटे से क्षेत्र (375 वर्गमीटर) में वर्ष 1998 के खरीफ मौसम के दौरान धान के पुआल मशरूम तथा रबी मौसम में ढिंगरी मशरूम की खेती आरंभ किया। इससे उसको 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक की अतिरिक्त आय हुई। मशरूम की खेती की लाभप्रदता से उत्साहित होकर, उन्होंने इसे 3500 वर्गमीटर क्षेत्र में विस्तारित किया और 40,000 रुपये से 50,000 रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। वर्ष 2003 और 2004 में, उन्होंने मशरूम की खेती के क्षेत्र को और विस्तार किया और 80,000 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। उन्हें वर्ष 2003 में भुवनेश्वर में “मशरूम स्पॉन प्रोडक्शन” पर एक प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया गया था। इसके बाद 2004 में, श्री राउत अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि (आईएफएडी) की एक परियोजना के तहत एनआरआरआई से वित्तीय सहायता सहित एक स्पॉन प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने में सक्षम हुए तथा 10,000 रुपये का और शुद्ध लाभ अर्जित किया। अब, वह न केवल अपनी आवश्यकता के लिए स्पॉन का उत्पादन कर रहा है, बल्कि इसे आसपास के गांवों में भी आपूर्ति कर रहा है और ग्रामीण रोजगार पैदा करने में मदद कर रहा है। उन्होंने मशरूम की खेती का विस्तार किया है और उन्हें आशा है कि वे स्पॉन की बिक्री से 60,000 रुपये के अलावा 1 लाख 20 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त करेंगें। एनआरआरआई ने श्री जयंत कुमार राउत को एक प्रगतिशील मशरूम किसान के रूप में मान्यता दी है।