Bael and Tulsi aqueous control blast disease in farmers field - Hindi

किसान के खेत में बेल और तुलसी के जलीय निचोड़ के छिड़काव से प्रध्वंस रोग का नियंत्रण

कटक जिले के भैरपुर गांव के एक किसान के खेत में धान की फसल में पत्ता प्रध्वंस का गंभीर प्रकोप हुआ। ललाट चावल किस्म में इस रोग की तीव्रता 65% से 75% के बीच थी। चावल प्रध्वंस रोग को नियंत्रित करने के लिए एनआरआरआई में विकसित पर्यावरणीय सुरक्षित तकनीक जिसमें बेल के पत्तियों का 25 ग्राम/लीटर तथा तुलसी के पत्तों का 25 ग्राम/लीटर पानी दर पर भापयुक्त निचोड़ शामिल है का संक्रमित क्षेत्र में छिड़काव किया गया। किसान ने 10 दिनों के बाद इस छिड़काव को दोहराया। 15 दिनों के बाद यह देखा गया कि प्रध्वंस रोग सफलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से नियंत्रित हो पाया है। एडिपेनोफोस (हिनोसन) छिड़काव किए जाने वाले क्षेत्र में नुकसान की प्रतिशतता 45 थी जबकि बेल एवं तुलसी के छिड़काव द्वारा 80% से 85% तक चावल की फसल को नुकसान होने से बचाया जा सका।