पुरी जिले के गडागुआतिर में एनआरआरआई-तरल जैवउर्वरकों के बारे में जागरूकता और प्रदर्शन

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पुरी जिले के गडागुआतिर में एनआरआरआई-तरल जैवउर्वरकों के बारे में जागरूकता और प्रदर्शन

ओडिशा के कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग (डीएएफई) द्वारा वित्तपोषित “ओडिशा के चावल आधारित फसल और खेती प्रणाली (बायो-पोषक) के लिए गुणवत्ता वाले जैव-इनोकुलेंट्स का उत्पादन, लोकप्रियकरण और आपूर्ति”शीर्षक परियोजना के तहत पुरी जिले के गडागुआतिर गांव में 10 अगस्त 2024 को किसानों को चावल में एनआरआरआई-तरल जैव उर्वरकों के अनुकूलन और अभ्यास के लाभों का प्रदर्शन किया गया। डॉ.उपेन्द्र कुमार ने चावल की फसल प्रणाली में तरल जैवउर्वरक एनआरआरआई-एंडो एन, टेक डीकंपोजर और ट्राइकोडर्मा के लाभ और अनुप्रयोग पर जोर दिया। आईआरआरआई के पूर्व परामर्शदाता डॉ. शुभाशीष बल, नीमापड़ा के प्रखंड तकनीकी अधिकारी श्री श्रीकांत बढ़ेई और सरपंच श्रीमती झिलिया सेठी ने भाग लिया और कहा कि फसल उपज से समझौता किए बिना मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा के लिए रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों के प्रयोग करने की आवश्यकता है जिससे उर्वरकों के निवेश लागत कम होगी। इस कार्यक्रम में लगभग 60 किसानों ने भाग लिया और परियोजना कर्मचारियों डॉ. साई कृष्णा रेपल्ली, रश्मिता रानी रथ, बैशाली स्वाईं एवं दिलीप कुमार भोई से तरल जैव उर्वरकों के प्रयोग की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की। इस कार्यक्रम में उर्वरक लागत को कम करते हुए मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा के लिए टिकाऊ प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

Author: crriadmin