भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में ‘आरोराइस’ परियोजना का शुभारंभ

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भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में ‘आरोराइस’ परियोजना का शुभारंभ

भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में आरकेवीवाई-ओडिशा प्रायोजित परियोजना के लिए ओडिशा के सुगंधित चावल (arORIce) के उत्पादन, विपणन और निर्यात के लिए 4एस4आर मॉडल नामक एक कार्यशाला 7 दिसंबर 2022 को आयोजित की गई। इस कार्यशाला में लगभग 75 अधिकारियों और किसानों ने भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और अपने संबोधन में कहा कि प्रभाव संकेतकों का आकलन करने के लिए प्रदर्शन संकेतकों और प्रलेखन को जल्दी तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजार के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों की पहचान की जानी चाहिए और बाजार लिंकेज स्थापित करने की जरूरत है। श्री सुकांत कुमार पाणिग्रही, एपीडा सदस्य ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई और कहा कि गैर-बासमती सुगंधित किस्मों के लिए मानकों को निर्धारित करने की आवश्यकता है, जो कि आईएसओ मानकों को पूरा करती है और उपभोक्ताओं के सुगंधित चावल की आहार वरीयता के आधार पर सुगंधित चावल की आंतरिक और बाहरी दोनों जरूरतों को पूरा करती है। भाकृअनुप-राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. ए.के. शासनी, सम्मानित अतिथि थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अच्छी कृषि प्रथाओं (जीएपी) के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने की आवश्यकता है। परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. जी.ए.के. कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों को विस्तृत में वर्णन किया और परियोजना गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। तकनीकी सत्र के दौरान, विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई और परियोजना के विभिन्न तौर-तरीकों को तय करने के लिए विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया। डॉ. बिस्वजीत मंडल, सह-प्रमुख अन्वेषक ने अतिथियों का स्वागत किया और डॉ. सुप्रिया प्रियदर्शनी, सह-प्रमुख अन्वेषक ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा डॉ. सुतापा सरकार, सह-प्रमुख अन्वेषक ने पूरे कार्यक्रम का समन्वय किया।

Author: crriadmin