"उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र के लिए उन्नत चावल आधारित उत्पादन प्रौद्योगिकियों" के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना

News

“उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र के लिए उन्नत चावल आधारित उत्पादन प्रौद्योगिकियों” के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना

भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक ने अपने परिसर में सतत विकास लक्ष्यों के 1, 2, 12, 13 और 17 को प्राप्त करने के लिए 15-19 जनवरी 2024 के दौरान “उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त उन्नत चावल आधारित उत्पादन तकनीक” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आईसीएआर-अटारी VII, उमियम द्वारा प्रायोजित है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र के बीस कृषि विज्ञान केंद्रों के अधिकारियों ने भाग लिया। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक, डॉ. ए.के. नायक की अध्यक्षता में एवं डॉ. आर. बारदोलोई, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर-अटारी, जोन VII और डॉ. जी.ए.के. कुमार, अध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान प्रभाग की उपस्थिति में समापन समारोह 19 जनवरी, 2024 को आयोजित किया गया। डॉ. एन.एन. जाम्भुलकर ने समारोह के सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और अन्य सदस्यों का स्वागत किया। डॉ. जी.ए.के. कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और प्रतिभागियों से अपने संबंधित जिलों में 4S4R मॉडल को दोहराने का भी अनुरोध किया। डॉ. आर. बारदोलोई ने उल्लेख किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा प्राप्त ज्ञान उनके क्षेत्र में चावल उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होगा। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। साथ ही संस्थान द्वारा विकसित जलवायु स्मार्ट चावल किस्म का एक किलोग्राम बीज प्रतिभागियों को उनके क्षेत्र में प्रदर्शन के लिए सौंपा गया। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने अत्याधुनिक चावल-आधारित उत्पादन प्रौद्योगिकियों के रणनीतिक प्रयोग पर जोर दिया तथा क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान करने, एसडीजी का समर्थन करने और सतत कृषि विकास के लिए एनआरआरआई, कटक और उत्तर-पूर्वी राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की। यह साझेदारी उत्तर-पूर्वी राज्य के किसानों को सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों, बेहतर बीजों और समकालीन खेती के तरीकों तक पहुंच प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। डॉ. एन.एन. जाम्भुलकर, पाठ्यक्रम निदेशक ने समापन कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: crriadmin