"उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त उन्नत चावल आधारित उत्पादन तकनीक" पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

News

“उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त उन्नत चावल आधारित उत्पादन तकनीक” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक में 15-19 जनवरी 2024 के दौरान ” उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त उन्नत चावल आधारित उत्पादन तकनीक” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनईएच क्षेत्र के बीस कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने भाग लिया। भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने अपने उद्घाटन भाषण में उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह क्षेत्र अपनी समृद्ध जैव विविधता और विशिष्ट कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ कृषि के क्षेत्र में चुनौतियों को प्रस्तुत करता है तथा यहां अवसर की भी संभावनाए हैं। चावल, इस क्षेत्र की मुख्य फसल होने के कारण लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, हमारे लिए उत्पादकता बढ़ाने, खाद्य पर्याप्तता सुनिश्चित करने और हमारे किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करना अनिवार्य हो जाता है।
उन्होंने प्रतिभागियों के साथ इस विशिष्ट दिशा में और राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा में संस्थान की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि केवल सहक्रियात्मक सहयोग से ही देश के चावल उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन, किस्म चयन, बीज स्वास्थ्य प्रबंधन, फसल कीट प्रबंधन, फसल रोग प्रबंधन, बीज भंडारण एवं भंडारित कीट प्रबंधन, कटाई के बाद प्रसंस्करण और चावल मूल्य पर आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान किया गया। इसके अलावा, प्रतिभागियोंने संस्थान के फार्म, प्रयोगशाला, ओराइजा संग्रहालय का दौरा किया। डॉ. जी.ए.के. कुमार, अध्यक्ष, समाजविज्ञान प्रभाग ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और उन्हें सक्रिय रूप से भाग लेने, विचारों का आदान-प्रदान करने और इन उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। यहां प्राप्त ज्ञान और कौशल से न केवल व्यक्तिगत किसानों को लाभ होगा, बल्कि पूरे समुदाय पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जो उत्तर-पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र की समग्र समृद्धि में योगदान देगा। डॉ. बी. मंडल, डॉ. एन.एन. जांभूलकर और डॉ. एस. पाल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया।

Author: crriadmin