भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक द्वारा उच्च प्रोटीनयुक्त चावल किस्म सीआर धान 310 विमोचित
भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने लोकप्रिय उच्च उपज वाली किस्म नवीन में सुधार करके एक उच्च प्रोटीनयुक्त चावल किस्म सीआर धान 310 विकसित की है जिसे कुटाई के बाद चावल में औसत 10.3% प्रोटीन की मात्रा मिलती है। इसे अब केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा विमोचित किया गया है। चावल सबसे महत्वपूर्ण मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक है, विशेष रूप से एशियाई लोगों के लिए, लेकिन यह आम तौर पर चावल के दानों में प्रोटीन की मात्रा 6-8% से कम है, जो कि अन्य अनाजों में से सबसे कम है। इसलिए, गरीब जनसंख्या में प्रोटीन कुपोषण जिनके लिए चावल एक प्रधान भोजन है, गंभीर पोषण संबंधी समस्या है। उच्च प्रोटीनयुक्त चावल को विकसित करने पर अनुसंधान तब आरंभ हुआ, जब भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने असम चावल संग्रह में से एक प्रविष्टि (एआरसी 10075) को उच्च अनाज प्रोटीन मात्रा दाता के रूप में पहचाना और आवर्ती जनक नवीन के साथ तीन बार बैकक्रॉस किया गया तथा अंतरक्रमण वंशों की पहचान के लिए उन्नत पीढ़ी के लिए चयन किया गया। वर्ष 2014 के रबी और खरीफ में राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के प्रायोगिक खेत में मानक कृषि पद्धति और प्रथाओं के तहत एक ही प्रायोगिक भूखंड में दस उच्च उपज देने वाली अंतरक्रमण वंशों की खेती की गईं। सभी वंशों में स्वीकार्य दाना की गुणवत्ता के साथ उनके उच्च उपज वाले जनक की तुलना में काफी अधिक उच्च प्रोटीन अनाज मात्रा और प्रोटीन उपज थी। इन वंशों के बीच, बहुस्थानीय परीक्षण (एआईसीआरआईपी-जैवसदृढ़ीकरणी परीक्षण के तहत) में सीआर धान 310 (आईईटी 24780) को उच्च प्रोटीन चावल किस्म के रूप में पहचाना गया तथा कुटाई करने के बाद चावल में 10.3% की औसत अनाज प्रोटीन मात्रा पाया गया।
सीआर धान 310 का खेत दृश्य |
उच्च प्रोटीन चावल किस्म सीआर धान 310 के दाने और पॉलिश किए गए चावल |
बहु-स्थानीय परीक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर इस किस्म की औसत अनाज की पैदावार 4483 किग्रा/हेक्टेयर थी, जो कि सांबा महसूरी से 6.81% की उपज श्रेष्ठता दर्ज की। अन्य राष्ट्रीय परीक्षण आईआर 64 और स्थानीय चेक, नवीन के साथ इसका प्रदर्शन एक समान रहा। यह पत्ता प्रध्वंस, भूरा धब्बा, आच्छद विगलन, तना छेदक, गालमिज बायोटाइप 1 और पत्ता मोड़क के प्रति सहिष्णु या मध्यम सहिष्णु पाया गया। इस उच्च प्रोटीनयुक्त चावल किस्म की पहचान ओडिशा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए विमोचित की गई है और एनबीपीजीआर, नई दिल्ली द्वारा आईसी 614804 नाम से एक राष्ट्रीय पहचान संख्या दिया गया है। इसके दाने मध्यम पतले है और लंबी बालियां हैं। यह अर्ध-बौना (110 सेमी), छोटा पौध प्रकार सहित मध्यम शीघ्र (123 दिन) अवधि वाली है और इसमें अच्छी प्रारंभिक वृद्धि और दौजियां निकलने की क्षमता है। इस किस्म में उच्च सेला चावल मिलती (65%) है और 4 मूल्य वाले क्षार फैलाने और मध्यम अमाइलोज मात्रा (24.7%) सहित अच्छी खाना पकाने की गुण हैं। इसकी कुटाई करने पर इसके चावल में जस्ता (15 पीपीएम) का मध्यम स्तर मिलता है। इसके जनक नवीन में जो मानव में बेहतर पोषण मूल्य और आंत कार्य सुनिश्चित करता है, की तुलना में इसमें ग्लूटेलिन का अंश और आवश्यक अमीनो एसिड जैसे लिसिन और थ्रेओनिन अधिक है। चूंकि यह न केवल उच्च उपज वाली किस्म है, बल्कि प्रोटीन से भी भरपूर है, अत: यह उन लोगों के लिए पोषण का एक अच्छा स्रोत साबित होगा जो मुख्य रूप से अपने पोषण के लिए चावल पर निर्भर करते हैं।