यूरिया के उपयोग के विकल्प के रूप में एनआरआरआई द्वारा विकसित तरल जैव उर्वरक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
यूरिया के एक आशाजनक विकल्प के रूप में एनआरआरआई द्वारा विकसित तरल जैव उर्वरक के उपयोग पर किसानों को जागरूक करने के लिए 11 मार्च 2024 को गंजाम जिले के पुरूषोत्तमपुर प्रखंड के रंझाली गांव में एक प्रशिक्षण सह प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में श्रीमती अनिता प्रधान एवं भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक से वैज्ञानिक डॉ. उपेन्द्र कुमार और डॉ. पी.सी. जेना ने विकसित विशेष तकनीक के बारे में बताया और उसका प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का शीर्षक “धान फसल में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता बढ़ाने और रासायनिक उर्वरक के प्रयोग को कम करने के लिए ‘राइजोस्फेरिक और एंडोफाइटिक नाइट्रोजन फिक्सिंग बैक्टीरिया के तरल जैव उर्वरक का प्रयोग’ था। यह प्रशिक्षण ओडिशा राज्य सरकार के ओआईआईपीसीआरए के तहत ई-चासी द्वारा वित्त पोषित है। कार्यक्रम में गंजाम जिले के पुरूषोत्तमपुर प्रखंड के रंझाली गांव के 60 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम रासायनिक उर्वरकों के उपयोग की चुनौतियों, मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रबंधन के लिए लागत प्रभावी तरीकों और फसल की पैदावार बढ़ाने पर केंद्रित था।