अम्लीय मिट्टी में सुधार हेतु औद्योगिक कचरे के उपयोग पर परियोजना प्रारंभ कार्यशाला और विचार-मंथन सत्र: चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट से आय

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अम्लीय मिट्टी में सुधार हेतु औद्योगिक कचरे के उपयोग पर परियोजना प्रारंभ कार्यशाला और विचार-मंथन सत्र: चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट से आय

भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, कटक चैप्टर के सहयोग से “ओडिशा की अम्लीय मिट्टी को पुनः प्राप्त करने के लिए मृदा संशोधन के रूप में बेसिक-स्लैग और फ्लाई ऐश का आर्थिक और पर्यावरण-अनुकूल उपयोग [SAFAR]: चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट से आय (ईएपी 411)” शीर्षक परियोजना पर 10 अक्टूबर, 2023 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्‌घाटन सत्र के बाद एक विचार-मंथन सत्र का आयोजन हुआ। इस एक दिवसीय कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, उद्योग, कृषि विज्ञान केंद्रों, स्टार्टअप, किसान उत्पादक संगठन और ओडिशा सरकार के राज्य विभाग के अधिकारियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ओडिशा के छह जिलों कटक, जाजपुर, ढेंकनाल, अंगुल, क्योंजर और झारसुगुड़ा में अम्लीय मिट्टी के सुधार के लिए औद्योगिक अपशिष्टों (मूल स्लैग और फ्लाई ऐश) के प्रयोग के बारे में उपयोगी चर्चा की गई। संस्थान के निदेशक डॉ. ए के नायक ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. ए सडंगी समारोह के मुख्य अतिथि थे। एनआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद शाहिद ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष और परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ प्रताप भट्टाचार्य ने कार्यशाला और परियोजना के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रदान किया। सम्मानित अतिथि डॉ. पी के अग्रवाल, एनआईबीएसएम के डॉ. ए. चटर्जी, वेदांता लिमिटेड और श्री रोशन दास, आरती स्टील लिमिटेड ने अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत की। इस परियोजना को इनोवेटिव प्रोजेक्ट योजना के तहत ओडिशा राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है।

Author: crriadmin