राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, तंजावुर और भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय मिलेट एक्सपो-2023 आयोजित

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राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, तंजावुर और भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय मिलेट एक्सपो-2023 आयोजित

स्थिर कृषि को बढ़ावा देने और मिलेट के पोषण मूल्य को रेखांकित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण सहयोग में, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान, तंजावुर तथा भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा संयुक्त रूप से 6 अक्टूबर, 2023 को एनआरआरआई, कटक के एमकेसीजी प्लेटिनम जुबली सभागार में ‘राष्ट्रीय मिलेट एक्सपो-2023’ का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान नवीनतम उपकरणों एवं अपनी आधुनिक प्रयोगशालाओं सहित, जैव-प्रसंस्करण, प्रक्रिया और उत्पाद विकास के माध्यम से खाद्यान्न प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, उप-उत्पाद उपयोग के अनुसंधान एवं विकास में प्रयासरत है जबकि, भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक देश की विविध चावल उगाने वाली पारिस्थितिकी के लिए जलवायु प्रतिरोधी, जैव-फोर्टिफाइड और उच्च उपज देने वाली चावल की किस्में तथा विभिन्न फसल उत्पादन और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास और बेहतर प्रथाओं विकसित करने में प्रयासशील है।
ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के कुलपति डॉ. प्रभात कुमार राउल कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की एवं इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में प्रोफोसर राउल ने खाद्य और पोषण सुरक्षा की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में बाजरा के महत्व एवं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने ओडिशा बाजरा मिशन की स्थिति और पारंपरिक व्यंजनों से लेकर आधुनिक खाद्य प्रणाली तक मिलेट की पाक-संबंधी विविधताओं पर वर्णन किया।
डॉ. ओ.एन. सिंह, पूर्व कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), प्रोफेसर वी. पलानीमुथु, निदेशक, निफ्टम-टी, और डॉ. ए.के. नायक, निदेशक, एनआरआरआई समारोह के सम्मानित अतिथि थे। डॉ. सिंह ने आदिवासी किसानों के लिए पोषण और आजीविका के कम उपयोग वाले स्रोत के रूप में बाजरा पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर वी. पलानीमुथु ने बाजरा के मूल्यवर्धन, बाजरा आधारित विभिन्न उत्पादों जैसे बाजरा आइसक्रीम, बाजरा इडली, बाजरा निकाले गए उत्पादों के बारे में प्रकाश डाला तथा इस संस्थान में इन्क्यूबेशन सुविधाएं और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की अनुदान-सहायता योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री द्वारा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना आदि के बारे में जानकारी दिया। डॉ. नायक ने बाजरा उत्पादन और खपत के क्षेत्र में इसे देश की चावल उत्पादन प्रणालियों के साथ जोड़कर एक नया आयाम जोड़ा और जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल प्रभाव के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान से निपटने के लिए एक आकस्मिक फसल के रूप में देश के ऊंची और शुष्क क्षेत्रों में बाजरा की खेती पर जोर दिया। आरंभ में कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. एम. शिवशंकरी ने अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, आयोजन समिति के सह-अध्यक्ष डॉ. जी.ए.के. कुमार ने ‘एक्सपो’ के बारे में जानकारी दी और अंत में कार्यक्रम के निफ्टेम के समन्वयक डॉ. वी. चन्द्रशेखर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। विषय के तहत दो तकनीकी सत्र आयोजिन किए गए थे: बाजरा उत्पादन प्रौद्योगिकियों में तकनीकी प्रगति और उद्यमियों का प्रचार और पोषण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और बाजार जिसमें किस्मों और उत्पादन प्रौद्योगिकियों, उद्यमिता, बाजार, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन आदि जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा एवं विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में लगभग 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें ओडिशा के दो सौ से अधिक किसान और महिला किसान, एनआरआरआई, कटक के कर्मचारी, छात्र और अध्येता और आम जनता शामिल थीं। एक्सपो में बाजरा आधारित और अन्य मूल्यवर्धन उन्मुख प्रौद्योगिकियों और आईसीएआर संस्थानों, ओयूएटी, ओडिशा बाजरा मिशन, कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य सरकार के कृषि विभाग और कृषि स्टार्ट-अप की प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी।

Author: crriadmin