अधिदेश
- विभिन्न चावल पारिस्थितकी तंत्रों विशेषकर वर्षाश्रित चावल पारिस्थितकी तत्रों तथा उनमें अजैविक प्रभावों पर बल देते हुए चावल उत्पादन में वृद्धि एवं स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु फसल उन्नयन तथा संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में आधारभूत, प्रायोगिक एवं व्यावहारिक अनुसंधान कार्य करना।
- प्रति व्यक्ति की भूमि उपलब्धता में गिरावट को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त प्रायोगिक अनुसंधान के माध्यम से उपयुक्त तकनीक का विकास करना जिससे सभी पारिस्थितकी तत्रों में चावल एवं चावल आधारित खेती में उत्पादकता तथा आय वृद्धि सुनिश्चित करना।
- चावल जननद्रव्य का संग्रह, मूल्यांकन, संरक्षण एवं आदान-प्रदान करना तथा विभिन्न राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों को उन्नत पौध सामग्रियों का वितरण करना।
- विभिन्न खेती परिस्थितियों के लिए समेकित नाशकजीव, रोग तथा पोषण प्रबंधन हेतु प्रौद्योगिकी का विकास करना।
- देश में चावल पर्यावरण का लक्षणात्मक वर्गीकरण प्रस्तुत करना तथा विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकीय परिस्थितियों और किसानों की स्थितियों के संदर्भ में चावल उत्पादन में आने वाली भौतिक, जैविक सामाजिक, आर्थिक एंव संस्थागत बाधाओं का मूल्यांकन करना और उन बाधाओं का समाधान करने के लिए उपचारात्मक उपायों का विकास करना ।
- चावल पारिस्थितिकी, पारितंत्र तथा खेती की दशाओं पर डेटाबेस बनाना तथा पूरे देश के लिए उत्पादन क्षमता और लाभकारिता के आधार पर एक समेकित चावल सांख्यिकी निर्मित करना।
- उन्नत चावल उत्पादन तथा चावल-आधारित फसल एंव खेती प्रणालियों पर चावल शोधकर्ताओं, प्रशिक्षकों तथा विषयवस्तु/विस्तार विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना।
- देश में चावल तथा चावल आधारित फसल एवं खेती प्रणालियों के सभी पहलुओं पर जानकारी संग्रह करना तथा उसे बनाए रखना।