चावल की सीधी बुआई फसल पर विशेष जोर देते हुए स्थिर चावल की खेती के लिए जलवायु स्मार्ट मृदा प्रबंधन, सिंचाई तकनीक और कीट प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

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चावल की सीधी बुआई फसल पर विशेष जोर देते हुए स्थिर चावल की खेती के लिए जलवायु स्मार्ट मृदा प्रबंधन, सिंचाई तकनीक और कीट प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार, भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ने जलवायु अनुकूल और स्मार्ट कृषि पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सप्ताह भर चलने वाले अभियान का आयोजन किया। इस संदर्भ में, गंजाम जिले के पुरुषोत्तमपुर प्रखंड के रांझाली गांव में 26 मई को तथा भद्रक जिले के राजुलीबिंधा गांव में 28 मई 2023 “चावल की सीधी बुआई फसल पर विशेष जोर देते हुए स्थिर चावल की खेती के लिए जलवायु स्मार्ट मृदा प्रबंधन, सिंचाई तकनीक और कीट प्रबंधन पर चावल की सीधी बुवाई पर दो प्रशिक्षण कार्यक्रम” आयोजित किए गए। रांझाली के कार्यक्रम में रांझाली, पलियामा और कुशलपल्ली गांव-के लगभग 70 किसानों ने भाग लिया। रांझाली के सरपंच ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा पुरुषोत्तमपुर प्रखंड के कृषि पदाधिकारी डॉ. पी.के. महापात्रा इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी.एस. सतपथी, भाकृअनुप-एनआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अंजनी कुमार एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पी.सी. जेना तथा गंजाम एटीएमए के प्रौद्योगिकी संवर्धन अधिकारी संसाधन व्यक्ति थे। राजुलीबिंधा में 28 मई 2023 को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. पी.सी. जेना, डॉ. बी.एस. सतपथी, श्री श्रीधर बाबू, डीएओ, भद्रक और श्री सुधाकर महलिक, ग्राम सरपंच प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रशिक्षण में दो सौ किसानों ने भाग लिया। किसानों को धान की सीधी बिजाई के लाभ, जैसे श्रम और संबद्ध लागत में कमी, जल संरक्षण, बढ़ी हुई उत्पादकता, पर्यावरणीय लाभ आदि के बारे में जागरूक किया गया। पारिस्थितिकी विशिष्ट उपयुक्त किस्म के चयन, डीएसआर के लिए बुवाई पद्धति, एकीकृत खरपतवार प्रबंधन, पोषक तत्व और किसानों को जल प्रबंधन की जानकारी भी दी गई।

Author: crriadmin