भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 14 अक्टूबर 2022 को क्षेत्रीय समिति-द्वितीय की बैठक आयोजित

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भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में 14 अक्टूबर 2022 को क्षेत्रीय समिति-द्वितीय की बैठक आयोजित

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की क्षेत्रीय समिति-II की 26वीं बैठक का आयोजन 14 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में किया। परिषद ने कृषि-जलवायु क्षेत्रों के आधार पर आठ क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है। क्षेत्रीय समिति का उद्देश्य शोधकर्ताओं और राज्य सरकार के पदाधिकारियों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में वर्तमान अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रयासों में प्राथमिकताओं की पहचान करने के लिए और आने वाले दो वर्षों के लिए देश के विभिन्न कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की कार्यसूची तय करने तथा प्रमुख समस्याओं की जांच करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। क्षेत्रीय समिति की नियमित बैठकों में चर्चा के लिए कृषि प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, अनुसंधान और हस्तांतरण के क्षेत्रों में राष्ट्रीय प्रासंगिकता का एक अनुसंधान कार्यसूची तैयार किया जाता है एवं दो साल में एक बार इसकी बैठक आयोजित की जाती है।
भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी जी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया और अपने संबोधन में कहा कि यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, कीटों संक्रमण आदि जैसी विपत्तियों से भरा हुआ है। यदि पिछले 100 वर्षों की जलवायु घटनाओं का विश्लेषण किया जाता है तो 90 वर्षों में किसी न किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के घटनाएं मिलेंगे। इस लिए, समस्याओं को कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह की समीक्षा न केवल प्रगति की जांच करने के लिए, बल्कि समस्याओं की पहचान करने और संभावित समाधानों के समाधान हेतु ठोस प्रयास करने के लिए भी आवश्यक है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश
और तेलंगाना जैसे राज्य प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों से अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए किसानों के लिए नई जलवायु-अनुकूल तकनीक विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जब तक कृषि कार्यकलापोंयों को एक वाणिज्यिक उद्यम के रूप में नहीं लिया जाता है, तब तक कोई भी पूर्ण संभावित लाभ प्राप्त नहीं कर सकता है और लाभकारी आय प्राप्त नहीं कर सकता है। श्री चौधरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अनुसंधान के परिणामों को किसान के क्षेत्र में प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है। कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया और इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन, खाद्य उत्पाद के कम प्रसंस्करण और कम मूल्यवर्धन के कारण विश्व निर्यात में इसका योगदान केवल 3 प्रतिशत है। साथ ही यह कम प्रसंस्करण भारत की खाद्य निर्यात क्षेत्र की संरचना में परिलक्षित होता है जिसमें अनिवार्य रूप से चावल, आटा, चीनी, मांस, मछली आदि जैसे प्राथमिक उत्पाद शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न कारणों जैसे कम मिट्टी की गुणवत्ता, उर्वरक का कम उपयोग, कीटों का संक्रमण और मानसून की वर्षा पर अधिक निर्भरता से इस क्षेत्र की कम उत्पादकता के बारे में भी चिंता व्यक्त की।
कार्यक्रम में भाकृअनुप के कई उच्च स्तरीय अधिकारियों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के निदेशकों और भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। डॉ. आर के सिंह, सहायक महानिदेशक (सीसी एवं एफएफसी), भाकृअनुप ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र समाप्त होने के बाद तकनीकी सत्र के दौरान राज्यवार समस्याओं और अनुसंधान आवश्यकताओं एवं विकास के मुद्दों पर चर्चा की गई। पिछली बैठक के दौरान अंतिम रूप दिए गए मुद्दों के संबंध में की गई कार्रवाई रिपोर्ट पर विचार-विमर्श किया गया और क्षेत्र में पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और मानव संसाधन विकास सहित कृषि के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए चर्चा की गई।
यह बैठक कृषि और संबद्ध पहलुओं से संबंधित राज्य विशिष्ट समस्याओं की पहचान करने और संबंधित राज्यों की राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली की उपलब्धियों के माध्यम से विशिष्ट समय सीमा के भीतर उपयुक्त समाधान प्रदान करने के लिए आईसीएआर और राज्य सरकारों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करेगी। डॉ. पी.के अग्रवाल, सहायक महानिदेशक (समन्वय), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने पूरे कार्यक्रम के लिए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

Author: crriadmin