आजादी का अमृत महोत्सव - भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष उत्सव के तहत विशेष वार्ता - "ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी - माइक्रोब्स से माइक्रोबायोम तक"

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आजादी का अमृत महोत्सव – भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष उत्सव के तहत विशेष वार्ता – “ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी – माइक्रोब्स से माइक्रोबायोम तक”

भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के लिए एक विशेष वार्ता श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। श्रृंखला में छठा विशेष भाषण – प्रो (डॉ) कैरोली टी. बुल, प्रभागाध्यक्ष, पादप रोगविज्ञान एवं पर्यावरण सूक्ष्मजीवविज्ञान तथा निदेशक, पेन स्टेट माइक्रोबायोम सेंटर, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए ने “ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी – माइक्रोब्स से माइक्रोबायोम तक” 8 मार्च 2022 को अपराह्न 04:00 बजे वर्चुअल मोड पर विशेष भाषण दिया।
डॉ. कैरोली टी. बुल पेन स्टेट में पादप रोगविज्ञान एवं पर्यावरण सूक्ष्मजीवविज्ञान प्रभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं और पेन स्टेट माइक्रोबायोम सेंटर के उद्घाटन निदेशक हैं। डॉ. बुल ने 2015 में पेन स्टेट में शामिल होने से पहले सेलिनास, सीए में यूएसडीए/एआरएस के साथ फाइटोबैक्टीरियोलॉजिस्ट के रूप में 20 वर्षों की सेवा की। उनका शोध पौधों और मशरूम के जीवाणु रोगों के प्रबंधन के लिए ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी पर केंद्रित है। बुल एक एससीआरआई परियोजना के लिए परियोजना निदेशक हैं, जिसमें ककड़ी, चुकंदर, और चार्ड खाद्य और बीज फसलों के बीज जनित रोगों के लिए प्रबंधन रणनीति विकसित करने के लिए डायग्नोस्टिक मेटागेनोमिक्स सहित कई उपायों का उपयोग किया जाता है। डॉ. बुल ने 2021 तक इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ प्लांट पैथोलॉजी के लिए प्लांट पैथोजेनिक बैक्टीरिया के वर्गीकरण पर समिति के संयोजक के रूप में कार्य किया और प्रोकैरियोट्स के सिस्टमैटिक्स पर अंतर्राष्ट्रीय समिति की न्यायिक समिति में कार्य किया। बुल को 2013 में कृषि विज्ञान में कम प्रतिनिधित्व वाले छात्रों की सलाह के लिए कृषि में अमेरिका की सेवा के लिए सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है और वे 2020 से अमेरिकन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी के फेलो हैं।
ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी रोग नियंत्रण के लिए आधारी टैक्सोनॉमिक अनुसंधान का विषय है। यह अवधारणा मेजबान-पर्यावरण-रोगज़नक़ परस्पर क्रिया के मूल सिद्धांत के इर्द-गिर्द घूमती है जिसके परिणामस्वरूप रोग (अनुकूल स्थिति में) होता है। यह अपने अनुप्रयोग के लिए मेजबान प्रतिरोधिता, फसल चक्रण, खरपतवार प्रबंधन, बीज उपचार, जैविक नियंत्रण और पारंपरिक नियंत्रण का उपयोग करता है। डॉ. बुल ने लेट्यूस के पत्ता धब्बा ज़ैंथोमोनस कैंपेस्ट्रिस पी.वी. विटियन पर कार्य किया है लेट्यूस स्ट्रेचिंग टू मल्टीसीक्वेंस एनालिसिस (एमएलएसए) के नए वर्गीकरण और नामकरण का पता लगा। जैसा कि य विदित है कि एक माइक्रोबायोम संपूर्ण सूक्ष्मजीव समुदाय और उसके पर्यावरण की संरचना और कार्य है। उन्होंने अपने विषय से संबंधित मशरूम (एगेरिकस बिस्पोरस) के माइक्रोबायोम विश्लेषण को बहुत ही विशेष प्रकार से कार्य किया।
“ट्रांसलेशनल टैक्सोनॉमी – फ्रॉम माइक्रोब्स टू माइक्रोबायोम्स” पर प्रोफेसर बुल की का व्याख्यान दर्शकों को एक इंटरैक्टिव सत्र में शामिल किया। वर्चुअल मोड में विशेष वार्ता में देश भर से लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है और इस अवसर पर एक महिला वैज्ञानिक, प्रोफेसर कैरोली टी. बुल और उनकी टीम की उत्कृष्ट उपलब्धियों का उत्सव मनाने वाली संसार की सभी महिलाओं के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि थी।
डॉ. पी.सी. रथ, अध्यक्ष फसल सुरक्षा प्रभाग और अध्यक्ष, एनआरआरआई में एकेएएम समिति ने विशेष अतिथि का स्वागत किया। डॉ. सुधामय मंडल, प्रधान वैज्ञानिक, सीपीडी और सदस्य-सचिव, एकेएएम ने प्रो. बुल का परिचय कराया। संस्थान सीआईडी प्रभाग के वैज्ञानिक एवं एकेएएम समिति के सदस्य डॉ. के अली मोला ने कार्यक्रम का संचालन किया। संस्थान के एआरआईएस सेल ने वर्चुअल बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

Author: crriadmin