विशेष वार्ता – “जंगली और खेती की जाने वाली चावल के जीनोमिक्स“
आज़ादी का अमृत महोत्सव – भाकृअनुप–राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव के रूप में भारत के प्रगतिशील 75 वर्ष और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक इस अवसर पर वैज्ञानिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं पर विशेष वार्ता की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। क्वींसलैंड एलायंस फॉर एग्रीकल्चर एंड फूड इनोवेशन, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व निदेशक एवं कृषि नवाचार के प्रोफेसर रॉबर्ट जे हेनरी ने “जंगली और खेती की जाने वाली चावल के जीनोमिक्स” पर वर्चुअल मोड पर 7 सितंबर 2021 को सुबह 11:00 बजे श्रृंखला में दूसरा विशेष भाषण दिया। प्रोफेसर हेनरी ने दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक, चावल के वर्चस्व को समझने में जीनोमिक्स उपकरणों की भूमिका से श्रोताओं को अवगत कराया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ओराइजा के जंगली धान के किस्मों का उदाहरण दिया और कहा कि उनका उपयोग जलवायु के अनुकूल और पोषक तत्वों से भरपूर चावल की किस्मों को विकसित करने में किया जा सकता है। उन्होंने भविष्य में खाद्य मांग को पूरा करने में भारतीय उपमहाद्वीप में चावल के विशाल आनुवंशिक संसाधनों की क्षमता पर भी जोर दिया। वर्चुअल भाषण में भारत और ऑस्ट्रेलिया के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। वार्ता के बाद विषय पर चर्चा हुई।
भाकृअनुप-एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. दीपांकर माईती, निदेशक ने विशेष वार्ता की अध्यक्षता की। डॉ. पी.सी. रथ, अध्यक्ष, फसल सुरक्षा प्रभाग और अध्यक्ष, एनआरआरआई आज़ादी का अमृत महोत्सव समिति ने विशेष अतिथि का स्वागत किया और डॉ सुधामय मंडल, प्रधान वैज्ञानिक, फसल सुरक्षा प्रभाग और सदस्य-सचिव, एनआरआरआई आज़ादी का अमृत महोत्सव समिति ने श्रोताओं को प्रोफेसर हेनरी का परिचय दिया। डॉ. सोमनाथ रॉय, वैज्ञानिक, एनआरआरआई-सीआरयूआरआरएस, हजारीबाग और एनआरआरआई आज़ादी का अमृत महोत्सव समिति के सदस्य द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। डॉ. कुतुबुद्दीन अली मोल्ला, वैज्ञानिक, फसल उन्नयन प्रभाग और एनआरआरआई आज़ादी का अमृत महोत्सव समिति के सदस्य द्वारा पूरे कार्यक्रम का संचालन किया गया।