राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में तीसरे भारतीय चावल कांग्रेस का उद्घाटन
राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में चावल अनुसंधान कार्यकता संघ द्वारा 5 दिसंबर, 2024 को “पोषण और आजीविका के लिए 5जी-सक्षम चावल आधारित कृषि-खाद्य प्रणालियां” शीर्षक पर तीसरे भारतीय चावल सम्मेलन का आयोजन किया गया। कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया एवं अपने संबोधन में वैश्विक चावल बाजार को नियंत्रित करने में भारत की उभरती भूमिका और बाजार का विस्तार करने के लिए चावल मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने चावल की खेती में नई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए नए ज्ञान और नवाचारों को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. पाठक ने डिजिटल कृषि को विकसित भारत के प्रमुख उद्देश्य के रूप में रेखांकित किया और 5एम ढांचे के फोकस क्षेत्रों जैसे बाजार, मानसून, मशीनीकरण, जनशक्ति और प्रेरणा पर वर्णन किया जो कि चावल आधारित कृषि प्रणालियों को आगे बढ़ाने और कृषि में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईसीएआर के फसल विज्ञान के पूर्व उप महानिदेशक प्रोफेसर एस.के. दत्ता ने सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और वैश्विक खाद्य सुरक्षा और जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान नवाचारों को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला और फसल संसाधनों के अनुकूलन और लागत दक्षता हासिल करने में 5जी-सक्षम सटीक कृषि की भूमिका को रेखांकित किया। चावल अनुसंधान कार्यकता संघ के अध्यक्ष डॉ. पी.के. अग्रवाल ने 5जी तकनीक को अपनाने की बाधाओं, जैसे सीमित बिजली और रेंज कवरेज पर चर्चा की, साथ ही मशीनीकरण में क्रांति लाने और इंटरनेट के माध्यम से स्मार्ट कृषि को सुविधाजनक बनाने की इसकी क्षमता की ओर इशारा किया।
एनआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. ए.के. नायक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और चावल की खेती में 5जी प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता, विशेष रूप से उत्पादकता बढ़ाने, आजीविका में सुधार और कृषि में अनुकूलनीयता बढ़ाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन हुआ, कृषि प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था और पुरस्कार प्रदान भी शामिल था। प्रतिनिधियों, उद्योग पेशेवरों, किसानों और नीति निर्माताओं सहित लगभग 400 प्रतिभागियों ने इस चावल कांग्रेस में भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में चावल अनुसंधान कार्यकता संघ के सचिव डॉ. ए. पूनम ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया।