अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की 30वीं बैठक
भाकृअनुप-सीआरआरआई की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की 30वीं बैठक 18-19 फरवरी 2025 के दौरान भारत सरकार के पीपीवी एंड एफआरए के अध्यक्ष डॉ टी महापात्र की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों में डॉ शशिधर एचई, पूर्व प्रोफेसर, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके परिसर, बेंगलुरु; डॉ डी के शर्मा, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सीएसएसआरआई, करनाल; डॉ एम के नाइक, कुलपति (पूर्व), केलाडी शिवप्पा नायक कृषि और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय शिवमोग्गा और प्रोफेसर (उच्च शैक्षणिक ग्रेड) कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर, कर्नाटक; डॉ वी चिन्नुसामी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), आईएआरआई, नई दिल्ली; डॉ एन पी सिंह, सदस्य कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी), भारत सरकार, डॉ. एस.के. प्रधान, एडीजी (एफएफसी), आईसीएआर, नई दिल्ली; भाकृअनुप-सीआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. ए.के. नायक, झारखंड से किसान प्रतिनिधि श्री पवन कुमार साहू, ओडिशा से किसान प्रतिनिधि श्री अमरेश्वर मिश्रा और आईआईआरआर, हैदराबाद के निदेशक डॉ. आर.एम. सुंदरम विशेष आमंत्रित सदस्य थे। संस्थान के निदेशक ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की और प्रभाग प्रमुखों ने पिछले वर्ष की उपलब्धियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। आरएसी के अध्यक्ष और सदस्यों ने पिछले वर्ष की उपलब्धियों के लिए संस्थान के वैज्ञानिकों की सराहना की, जिसमें नई किस्में, जलवायु-प्रतिरोधी प्रौद्योगिकियां, पेटेंट, उच्च प्रभाव वाले प्रकाशन, बुनियादी ढांचे का विकास और युवा वैज्ञानिकों की भर्ती शामिल हैं। निदेशक ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में सीआरआरआई के योगदान पर प्रकाश डाला, जिसे व्यापक रूप से सराहा गया। आरएसी सदस्यों ने अनुसंधान को व्यावहारिक कृषि समाधानों में बदलने की आवश्यकता पर बल दिया और सतत विकास के लिए नए शोध के रास्ते सुझाए डॉ. (श्रीमती) संघमित्रा सामंतराय, अध्यक्ष, फसल उन्नयन प्रभाग, सीआरआरआई, कटक सदस्य सचिव थीं।
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